स्पीकर ओम बिरला ने दी थी मर्यादा की नसीहत, तो सदन से बाहर आकर बोले राहुल गांधी, 'सदन में बोलने नहीं दिया जाता'

नई दिल्ली: लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने संसद भवन के बाहर एक गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब भी वह सदन में अपनी बात रखने के लिए खड़े होते हैं, उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जाता। यह बयान राहुल गांधी ने उस घटना के बाद दिया, जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें सदन के नियमों और मर्यादा का पालन करने की सलाह दी थी। इसके बाद राहुल कुछ कहना चाहते थे, लेकिन उनकी बात शुरू होने से पहले ही सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी अपनी बात पूरी नहीं कर पाए थे, जिसके बाद उन्होंने बाहर आकर मीडिया से अपनी नाराजगी जाहिर की।
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ, जब राहुल गांधी सदन में बोलने के लिए खड़े हुए। इससे पहले स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें नसीहत दी थी कि वह लोकसभा की गरिमा और आचरण के नियमों का सम्मान करें। ओम बिरला ने कहा था कि हाल के दिनों में राहुल गांधी का व्यवहार और उनकी टिप्पणियां सदन की परंपराओं के अनुरूप नहीं रही हैं। स्पीकर ने यह भी जोड़ा कि सदन में सभी सदस्यों से शालीनता और मर्यादा बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है, खासकर नेता विपक्ष से, जिनका पद विशेष जिम्मेदारी मांगता है।
ओम बिरला ने अपने संबोधन में कहा, “सदन में मेरे संज्ञान में कई ऐसी घटनाएं आई हैं, जो सदस्यों के आचरण और सदन की उच्च परंपराओं के अनुरूप नहीं हैं। इस सदन में पिता-पुत्री, मां-बेटी और पति-पत्नी जैसे सदस्य रहे हैं। इस परिप्रेक्ष्य में मेरी नेता विपक्ष से अपेक्षा है कि वह लोकसभा प्रक्रिया के नियम 349 के तहत आचरण करें।” उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी से विशेष रूप से ऐसा व्यवहार अपेक्षित है, जो सदन की गरिमा को बनाए रखे। *इस घटना के बाद राहुल गांधी ने संसद के बाहर कहा, “जब भी मैं खड़ा होता हूं, मुझे बोलने नहीं देते।” ।