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Upi payment system: यूपीआई से 3000 रुपए से अधिक पेमेंट पर देना पड़ सकता है चार्ज, बड़े बदलाव की तैयारी में सरकार, जानें कब से होगा लागू

Upi payment system: You may have to pay a charge for payment of more than Rs 3000 through UPI, government is preparing for a big change, know when it will be implemented

Upi payment system: नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस ( UPI) में बड़े बदलाव की तैयारी में है। मामले से जानकार सूत्रों की माने तो 3000 रुपए से अधिक की यूपीआई पर अब मर्चेंट डिस्काउंट रेट

 Upi payment system: नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस ( UPI) में बड़े बदलाव की तैयारी में है। मामले से जानकार सूत्रों की माने तो 3000 रुपए से अधिक की यूपीआई पर अब मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) फिर से लगाया जा सकता है। हालांकि, इसके बावजूद भी छोटे ट्रांजैक्शन- 3000 रुपए तक पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। जनवरी 2020 से चली आ रही ‘जीरो एमडीआर’ पॉलिसी यानी मर्चेंट्स पर जीरो फीस के नियम को बंद करने का फैसला लिया जा सकता है।


Upi payment system: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों और पेमेंट कंपनियों की समस्या अधिक हैं। यूपीआई के पास अब 80 प्रतिशत रिटेल डिजिटल ट्रांजैक्शन की हिस्सेदारी है। बड़े ट्रांजैक्शन, खासकर मर्चेंट पेमेंट्स की बढ़ती संख्या से बैंकों का ऑपरेशनल कॉस्ट में इजाफा हुआ है। जीरो एमडीआर पॉलिसी के कारण उन्हें इंवेस्टमेंट का कोई प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 के बाद यूपीआई पर मर्चेंट पेमेंट्स का कुल ट्रांजैक्शन 60 लाख करोड़ रुपए पहुंच चुका है। इतने बड़े लेवल पर फ्री सेवा देना अब टिकाऊ नहीं रहा।


Upi payment system: क्या है नया नियम


पेंमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) ने सुझाव दिया है कि बड़े मर्चेंट्स (जिनका टर्नओवर ज्यादा है) से 0.3 प्रतिशत का एमडीआर वसूला जाए। बता दें कि फिलहाल क्रेडिट/डेबिट कार्ड्स पर एमडीआर 0.9 प्रतिशत से 2 प्रतिशत है (इसमें रुपे कार्ड्स शामिल नहीं है) अभी रुपे क्रेडिट कार्ड्स इस चार्ज से बचे रहेंगे। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों और वित्तीय सेवा विभागों की एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी। जिसमें यूपीआई के भविष्य को लेकर चर्चा की गई और एमडीआर फ्रेमवर्क पर आखिरी फैसला लेने पर भी चर्चा हुई।


Upi payment system: डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम को मजबूत बनाना सरकार का लक्ष्य


अब अगले 12 महीने में बैंकों, फिनटेक कंपनियों और नेशनल पेमेंट्स, कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से सलाह के बाद फैसला आएगा। सरकार की मंशा साफ है कि यूपीआई को सिर्फ बढ़ावा देना ही नहीं, बल्कि डिजिटल पेमेंट्स के इकोसिस्टम को लंबे समय के लिए टिकाऊ और मजबूत बनाना है। फ्री यूपीआई के कारण भारत डिजिटल पेमेंट्स में दुनिया का नंबर-1 देश बना, लेकिन अब बैंकों और पेमेंट प्रोवाइडर्स को नुकसान से बचाने का समय है। बड़े ट्रांजैक्शन पर छोटी चार्ज लगाकार इंफ्रस्ट्रक्चर और नई टेक्नोलॉजी में खर्च सुनिश्चित होगा।

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