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Share Market: FIIs की बिकवाली से शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 166, निफ्टी 80 अंक लुढ़का

मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में सेंसेक्स और निफ्टी के ग्राफ में गिरावट, FIIs बिकवाली का प्रभाव

Share Market: मुंबई/नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन, बुधवार को गिरावट देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स 166 अंक लुढ़ककर 80,543 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 80 अंकों की गिरावट के साथ 24,569 पर आ गया। यह गिरावट वैश्विक बाजारों की कमजोरी, अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों की निराशा और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली के कारण देखी गई। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने बाजार में खरीदारी कर गिरावट को कुछ हद तक संभालने की कोशिश की।


Share Market: वैश्विक बाजारों का रुझान

वैश्विक बाजारों में भी बुधवार को मिला-जुला रुख देखा गया। अमेरिकी शेयर बाजारों में मंगलवार को गिरावट दर्ज की गई थी। वॉल स्ट्रीट के प्रमुख सूचकांकों में तकनीक-प्रधान नैस्डैक कंपोजिट 0.65% नीचे बंद हुआ, जबकि ब्रॉडर एसएंडपी 500 में 0.49% और डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 0.14% की कमी आई। निवेशकों ने टैरिफ से संबंधित चिंताओं और सेवा क्षेत्र के कमजोर आर्थिक आंकड़ों पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ी। एशियाई बाजारों में भी मिश्रित रुझान दिखा। जापान का निक्केई 225 0.12% और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.64% नीचे रहा। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 0.61% की बढ़त के साथ 8,824 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। यूरोपीय बाजार भी कमजोर रुझानों के साथ कारोबार कर रहे थे, जो वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाओं को और बल दे रहे थे।


Share Market: प्रमुख स्टॉक्स का प्रदर्शन

सेंसेक्स और निफ्टी के प्रमुख स्टॉक्स में भी मिश्रित रुझान दिखा। इन्फोसिस, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, एशियन पेंट्स, आईसीआईसीआई बैंक, और अडानी एंटरप्राइजेज जैसे स्टॉक्स निफ्टी में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। दूसरी ओर, कुछ स्टॉक्स जैसे सन फार्मा और हिंदुस्तान यूनिलीवर ने मामूली बढ़त हासिल की।


Share Market: रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति पर नजर

निवेशकों की नजर अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजों पर टिकी है, जिसका ऐलान बुधवार को होने वाला है। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का अनुमान है कि RBI नीतिगत दर को 5.5% पर स्थिर रखेगा, क्योंकि मुद्रास्फीति नियंत्रण में है, लेकिन आर्थिक वृद्धि की गति धीमी पड़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि RBI की टिप्पणी और भविष्य की नीतियों पर बाजार की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी।

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