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Rakshabandhan 2025: रक्षाबंधन पर इन 5 बातों का रखें ध्यान, इन गलतियों से बचें, वरना हो सकता है अशुभ

मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन द्वारा IIM और NIT रायपुर को 172 करोड़ का अनुदान समारोह, डीडीयू ऑडिटोरियम, रायपुर।

Rakshabandhan 2025: नई दिल्ली। रक्षाबंधन, भाई-बहन के अटूट प्रेम, विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक पर्व, इस साल 9 अगस्त को मनाया जाएगा। यह पर्व केवल राखी बांधने की रस्म नहीं, बल्कि भाई-बहन के बीच गहरे रिश्ते को मजबूत करने का अवसर है। ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार, रक्षाबंधन के दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि अनजाने में की गई गलतियां रिश्तों में दरार न डालें।


आइए जानते हैं रक्षाबंधन के दिन किन 5 गलतियों से बचना चाहिए और किन नियमों का पालन करना जरूरी है।


1. शुभ मुहूर्त का रखें विशेष ध्यान


रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ज्योतिषियों के अनुसार, किसी भी समय राखी बांधना उचित नहीं है। इस साल 9 अगस्त 2025 को शुभ मुहूर्त सुबह 05:47 से दोपहर 01:24 तक रहेगा। इस समय में राखी बांधने से रिश्तों में सकारात्मकता और मजबूती आती है।


2. भद्रा और राहुकाल से रहें सावधान


रक्षाबंधन के दिन भद्रा और राहुकाल के समय राखी बांधना अशुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन अशुभ कालों में राखी बांधने से बचना चाहिए। इन समयों में की गई रस्में नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। इसलिए, राखी बांधने से पहले पंचांग देखकर भद्रा और राहुकाल की जानकारी जरूर लें।


3. सही दिशा का करें चयन


राखी बांधते समय दिशा का विशेष ध्यान रखें। वास्तु और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके राखी बांधना शुभ होता है। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके राखी बांधने से बचें, क्योंकि यह दिशा अशुभ मानी जाती है। सही दिशा का पालन करने से राखी का प्रभाव और भी सकारात्मक होता है।


4. काले रंग से करें परहेज


हिंदू धर्म में काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर भाई और बहन को काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए। साथ ही, भाई की कलाई पर काले रंग की राखी बांधने से भी परहेज करें। इसके बजाय, चटकीले और शुभ रंगों जैसे लाल, पीले या हरे रंग की राखी का उपयोग करें।


5. पूजा की थाली को रखें पूर्ण


राखी बांधने से पहले पूजा की थाली को पूरी तरह तैयार कर लें। थाली में रोली, अक्षत (चावल), दीपक, घी, मिठाई, राखी, नारियल और जल जैसी चीजें अवश्य शामिल करें। इनके बिना पूजा की थाली अधूरी मानी जाती है। इन सामग्रियों का उपयोग राखी बांधने की रस्म को शास्त्रानुसार पूर्ण करता है और रिश्तों में मधुरता लाता है।


Rakshabandhan 2025: रक्षाबंधन का महत्व रक्षाबंधन केवल एक धागे का पर्व नहीं, बल्कि भाई-बहन के बीच विश्वास और प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है, जबकि भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है। इन नियमों का पालन करके इस पवित्र पर्व को और भी शुभ और सार्थक बनाया जा सकता है।

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