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Jharkhand News : IIT-ISM के 45वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सौंपी डिग्रियां, जारी किया स्मारक डाक टिकट

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समारोह में 1,880 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं और 37 गोल्ड मेडल, 35 सिल्वर मेडल, और 21 प्रायोजित पुरस्कार वितरित किए गए।

Jharkhand News : धनबाद। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स) धनबाद के 45वें दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए धनबाद पहुंचीं। उनका हेलीकॉप्टर बरवाअड्डा हवाई अड्डे पर सुबह 11:40 बजे उतरा, जहां से वे सड़क मार्ग से संस्थान पहुंचीं। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने IIT-ISM के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में एक स्मारक डाक टिकट और विशेष कवर जारी किया। समारोह में 1,880 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं और 37 गोल्ड मेडल, 35 सिल्वर मेडल, और 21 प्रायोजित पुरस्कार वितरित किए गए।


दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति का संबोधन-

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने समारोह में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि IIT-ISM धनबाद का लगभग 100 वर्षों का गौरवशाली इतिहास है। यह संस्थान खनन और भूविज्ञान के क्षेत्र में विशेषज्ञों को तैयार करने के लिए स्थापित हुआ था, लेकिन अब यह विविध क्षेत्रों में उच्च शिक्षा और अनुसंधान का अग्रणी केंद्र बन चुका है। उन्होंने कहा, “संस्थान ने नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज समय की मांग है कि रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा दिया जाए, जिसमें IIT-ISM अग्रणी भूमिका निभा रहा है।”


उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, “यह आपकी यात्रा की शुरुआत है। व्यक्तिगत उन्नति के साथ-साथ सामूहिक विकास के लिए प्रयास करें। यही वह मार्ग है, जो 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को पूरा करेगा।” राष्ट्रपति ने 37 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया, जिसमें कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले प्रियांशु शर्मा को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।


केंद्रीय शिक्षा मंत्री और राज्यपाल का संबोधन-

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने संबोधन में भारतीय जीवन दर्शन पर जोर देते हुए कहा, “हमें अर्थव्यवस्था में अग्रणी होना है, लेकिन अपने मूल्यों से समझौता नहीं करना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की भावना को अपनाते हुए हमें आगे बढ़ना है।” उन्होंने तकनीक के खतरों को लेकर चेतावनी दी और कहा, “गूगल, चैटजीपीटी और ग्रोक जैसे एप्लिकेशन को हम अपना गुरु बना रहे हैं, जो विनाशकारी हो सकते हैं। हमें इनसे सतर्क रहने की जरूरत है।”


झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का झारखंड से गहरा नाता है, क्योंकि उन्होंने छह वर्षों से अधिक समय तक यहां के राज्यपाल के रूप में सेवा दी और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने छात्रों को देश की प्रगति में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।


समारोह में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति-

दीक्षांत समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव प्रो. पीके मिश्रा, झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, और राज्य के नगर विकास, आवास, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार उपस्थित थे। प्रो. पीके मिश्रा को इस अवसर पर डीएससी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। समारोह में कुल 1,880 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं, जिनमें 1,055 स्नातक और 711 स्नातकोत्तर शामिल थे।

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