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IMD Heavy Rain : IMD का रेड अलर्ट, 12 राज्यों में मूसलाधार बारिश और तूफान की चेतावनी, अगले 48 घंटे अहम...

IMD Heavy Rain

पूर्वोत्तर भारत, तटीय राज्य और मध्य भारत के कई इलाकों में जलभराव, बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।

IMD Heavy Rain : नई दिल्ली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देशभर में मानसून की तीव्र गतिविधियों को देखते हुए 12 राज्यों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अगले 24 से 48 घंटों में मूसलाधार बारिश, 50 किमी/घंटा की रफ्तार वाली तेज हवाएं, बिजली गिरने और आंधी-तूफान की आशंका जताई गई है। IMD ने लोगों से सतर्क रहने, गैर-जरूरी यात्रा से बचने और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। पूर्वोत्तर भारत, तटीय राज्य और मध्य भारत के कई इलाकों में जलभराव, बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।


मौसम विभाग के अनुसार, आज से देश के कई हिस्सों में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदलने वाला है। जहां कुछ क्षेत्रों में रिमझिम बारिश से राहत मिलेगी, वहीं कई जगहों पर भारी बारिश और तूफान जनजीवन को प्रभावित कर सकते हैं। IMD की ताजा भविष्यवाणी के मुताबिक, अगले 24 घंटों में औसतन 85 मिमी तक बारिश हो सकती है, जो पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और तटीय क्षेत्रों में पहले से ही जलभराव की स्थिति को और गंभीर बना सकती है।


पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश का सिलसिला अगले सात दिनों तक जारी रहने की संभावना है। IMD ने अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और नागालैंड में 9 से 13 जून तक मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी है। विशेष रूप से 9 से 11 जून के बीच नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी वर्षा के साथ बिजली गिरने और तेज हवाओं की आशंका है। उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पूरे सप्ताह रुक-रुक कर बारिश का अनुमान है। इसके अलावा, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल के गंगा क्षेत्र और यनम में गरज-चमक के साथ जोरदार बारिश की संभावना जताई गई है।


मध्य भारत में भी मौसम की मार पड़ने वाली है। मध्य प्रदेश में 7 जून को 40–50 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज आंधी और वज्रपात की चेतावनी दी गई है। छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार और झारखंड में 10 से 13 जून तक तेज हवाओं और भारी बारिश का अनुमान है। इन राज्यों में नदियों का जलस्तर बढ़ने और निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है।


IMD ने तटीय क्षेत्रों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है, क्योंकि तेज हवाओं और ऊंची लहरों का खतरा बना हुआ है। स्थानीय प्रशासन को बाढ़ और भूस्खलन से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में पहले से ही बाढ़ और भूस्खलन से 36 लोगों की मौत हो चुकी है और 5.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं।


मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र और दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता के कारण बारिश की तीव्रता बढ़ी है। IMD ने सभी प्रभावित राज्यों में आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट पर रखने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।

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