Bangladesh: शेख मुजीबुर्रहमान का 'राष्ट्रपिता' दर्जा रद्द, बांग्लादेश मुक्ति संग्राम से जुड़ी बंगबंधु की हर पहचान को मिटाने में जुटे मोहम्मद यूनुस

Bangladesh: नई दिल्ली: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को दिए गए 'राष्ट्रपिता' के दर्जे को समाप्त कर दिया है। यह निर्णय 'राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी परिषद अधिनियम' में संशोधन के माध्यम से लिया गया, जिसे मंगलवार रात कानून, न्याय और संसदीय कार्य मंत्रालय ने अध्यादेश के रूप में जारी किया। स्थानीय मीडिया, विशेष रूप से 'ढाका ट्रिब्यून' और 'द डेली स्टार' के अनुसार, इस संशोधन के तहत 'राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान' शब्द को कानून से पूरी तरह हटा दिया गया है। इसके साथ ही, जहां-जहां उनका नाम था, उन हिस्सों को भी मिटा दिया गया है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब हाल ही में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीर को नए मुद्रा नोटों से हटाने का फैसला किया था। नए अध्यादेश में मुक्ति युद्ध (स्वतंत्रता संग्राम) की परिभाषा में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिसमें शेख मुजीबुर्रहमान का नाम पूरी तरह से हटा दिया गया है। इसके अलावा, यह भी स्पष्ट किया गया है कि मुक्ति युद्ध से सीधे जुड़े लोगों की परिभाषा में बदलाव किया गया है।
संशोधित कानून के तहत, मुजीबनगर सरकार (युद्धकालीन निर्वासित सरकार) से जुड़े संसद सदस्यों और विधायकों को अब स्वतंत्रता सेनानी नहीं माना जाएगा। उन्हें 'स्वतंत्रता संग्राम के सहयोगी' की नई श्रेणी में रखा गया है। यह बदलाव बांग्लादेश के इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े प्रतीकों को फिर से परिभाषित करने का हिस्सा माना जा रहा है। इस फैसले से देश में राजनीतिक और सामाजिक बहस तेज होने की संभावना है, क्योंकि शेख मुजीबुर्रहमान को बांग्लादेश के स्वतंत्रता आंदोलन का केंद्रीय चेहरा माना जाता रहा है।