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Arunachal's Nocte Queen Falium Wangcha died: अरुणाचल की नोक्टे रानी फलियम वांगचा का 114 वर्ष की आयु में निधन, जानें पोंगवेन की कहानी

Arunachal's Nocte Queen Falium Wangcha died at age of 114, know story of Pongwen Queen

ददाम। (Arunachal's Nocte Queen Falium Wangcha died) अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले के ददाम गांव में नोक्टे समुदाय की पूजनीय सर्वोच्च रानी फलियम वांगचा का 114 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 'पोंगवेन' यानी 'रानियों की रानी'

 ददाम। (Arunachal's Nocte Queen Falium Wangcha died) अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले के ददाम गांव में नोक्टे समुदाय की पूजनीय सर्वोच्च रानी फलियम वांगचा का 114 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 'पोंगवेन' यानी 'रानियों की रानी' के रूप में सम्मानित फलियम वांगचा के निधन पर आठ गांव—हुनकान, मोक्तोवा, चिंकोई, लाहु, बेरा, कुथिन, कापु और बोरदुम्सा—शोक और श्रद्धांजलि में एकजुट हुए।


शुक्रवार को हजारों लोग उनकी असाधारण विरासत को सम्मान देने के लिए एकत्र हुए, जिसमें पारंपरिक युद्ध नृत्य, बंदूक सलामी और प्राचीन रीति-रिवाजों के साथ भव्य समारोह आयोजित किया गया। अंतिम संस्कार शनिवार को सभी आठ गांवों के सामूहिक समारोह में होगा।




नोक्टे संस्कृति की संरक्षक


फलियम वांगचा न केवल एक रानी थीं, बल्कि नोक्टे समुदाय की परंपराओं की जीवंत प्रतीक थीं। उन्होंने नोक्टे समुदाय की लोककथाओं, औषधीय प्रथाओं और रीति-रिवाजों को संरक्षित रखा। वह पवित्र 'थोम-सियात' अनुष्ठान की हिस्सा थीं, जिसमें उन्हें एक लकड़ी के ढोल पर घर लाया गया था, जिसके बाद किंवदंती के अनुसार एक बाघिन उनकी आत्मा का प्रतीक बनी। वह गांवों के बीच और भीतर विवादों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थीं। एक ग्रामीण ने कहा, "उनका शब्द अंतिम होता था। वह जहां भी विवाद होता था, वहां शांति लाती थीं।


पारंपरिक विदाई की तैयारी


फलियम वांगचा के सम्मान में आयोजित अंतिम संस्कार में पारंपरिक ढोलक वादक, नर्तक और शिकारी उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होंगे। आठों गांव शोक और श्रद्धा में एकजुट होकर उनकी शिक्षाओं को आगे बढ़ाने का संकल्प ले रहे हैं। वरिष्ठ जन नेता हंगलियाम सुम्यान ने कहा, हम उन्हें उसी गरिमा और एकता के साथ विदाई देंगे, जैसा उनका जीवन था। उनकी आत्मा, बाघिन की तरह, हमेशा हमारे साथ रहेगी।


नोक्टे समुदाय की धरोहर


नोक्टे समुदाय, जो तिरप जिले के पाटकाई पहाड़ियों में रहता है, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। फलियम वांगचा ने अपने लंबे जीवन में सामुदायिक उत्सवों और भव्य दावतों की मेजबानी की, जो नोक्टे परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनकी मृत्यु को नोक्टे समुदाय, विशेष रूप से ददाम गांव के लिए एक अपूरणीय क्षति माना जा रहा है।

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