दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा LSST लॉन्च, डार्क मैटर को करेगा स्टडी, बस एक क्लिक में दिख जाएंगी कई गैलेक्सी

नई दिल्ली: खगोल विज्ञान में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा, जिसे लार्ज सिनॉप्टिक सर्वे टेलीस्कोप (LSST) कैमरा के नाम से जाना जाता है, वेरा सी. रुबिन वेधशाला में सफलतापूर्वक स्थापित कर लिया गया है। यह अब तक का सबसे शक्तिशाली डिजिटल इमेजिंग उपकरण है, जो अगले 10 साल तक दक्षिणी गोलार्ध के आकाश का विस्तृत सर्वेक्षण करेगा। सिमोनयी सर्वे टेलीस्कोप पर लगाया गया यह कैमरा जल्द ही अंतिम परीक्षण से गुजरेगा, जिसके बाद 2025 में वेधशाला पूर्ण संचालन शुरू कर देगी। अमेरिकी राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन (NSF) और ऊर्जा विभाग (DOE) के सहयोग से निर्मित इस परियोजना का लक्ष्य ब्रह्मांड का टाइम-लैप्स रिकॉर्ड बनाना है।
आकाश का अभूतपूर्व सर्वेक्षण संभव
वेरा सी. रुबिन वेधशाला के अनुसार, LSST कैमरा हर कुछ रातों में पूरे आकाश को स्कैन करेगा और उच्च-रिजॉल्यूशन छवियां कैप्चर करेगा। इसकी एक छवि इतनी विस्तृत होगी कि इसे प्रदर्शित करने के लिए 400 अल्ट्रा-एचडी टीवी स्क्रीन चाहिए होंगी। यह कैमरा सुपरनोवा, क्षुद्रग्रह और द्रुतगामी तारों जैसी खगोलीय घटनाओं को रिकॉर्ड करने में सक्षम है, जो ब्रह्मांड की गतिविधियों को समझने में क्रांतिकारी साबित होगा।
डार्क मैटर और एनर्जी पर नई रोशनी
इस वेधशाला का नाम खगोलशास्त्री वेरा रुबिन के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने सहयोगी केंट फोर्ड के साथ मिलकर डार्क मैटर की मौजूदगी का प्रमाण दिया था। उन्होंने पाया कि आकाशगंगाएं गुरुत्वाकर्षण नियमों से अपेक्षित गति से नहीं घूमतीं, जिससे डार्क मैटर का कॉन्सेप्ट सामने आया। यह कैमरा डार्क मैटर और डार्क एनर्जी के प्रभावों को मापने में अहम भूमिका निभाएगा, जिससे ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने में मदद मिलेगी। यह तकनीक खगोल विज्ञान में नए आयाम स्थापित करेगी।