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Sawan Somwar : सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को: जानें शिव पूजन का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व

Sawan Somwar

आइए जानते हैं सावन के पहले सोमवार के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और सामग्री।

Sawan Somwar : धर्म डेस्क। सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की भक्ति में डूबने का विशेष अवसर लेकर आता है, और इस साल 14 जुलाई 2025 को पड़ने वाला सावन का पहला सोमवार शिव भक्तों के लिए बेहद खास है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल चार सोमवार व्रत रखे जाएंगे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं, और संसार का संचालन भगवान शिव के कंधों पर आता है। इस दौरान शिव पूजा और व्रत से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। 14 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी का संयोग भी रहेगा, जिससे इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है। आइए जानते हैं सावन के पहले सोमवार के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और सामग्री।


शुभ योग और नक्षत्र

14 जुलाई को सुबह 06:49 तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा, जिसके बाद शतभिषा नक्षत्र शुरू होगा। इसके साथ ही आयुष्मान योग शाम 04:14 तक और फिर सौभाग्य योग प्रभावी होगा। धार्मिक दृष्टि से ये योग और नक्षत्र अत्यंत शुभ माने जाते हैं, जो शिव पूजा को और फलदायी बनाते हैं।


शिव पूजन के शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:11 से 04:52 तक

अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:59 से दोपहर 12:55 तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 02:45 से 03:40 तक

गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:20 से 07:40 तक

अमृत काल: रात 11:21 से 12:55 तक (15 जुलाई)


पूजा विधि

सावन के पहले सोमवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। संभव हो तो नजदीकी शिव मंदिर जाएं या घर पर स्थापित शिवलिंग की पूजा करें। सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और गन्ने का रस) से अभिषेक करें। फिर भगवान शिव को सफेद चंदन, सफेद फूल, भांग, धतूरा, फल और तिल अर्पित करें। भगवान गणेश, माता पार्वती, कार्तिकेय और नंदी को भी प्रसाद और फूल चढ़ाएं। पूजा के दौरान “ॐ नमः शिवाय” या “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” मंत्र का जप करें। अंत में शिव जी की आरती करें और घर की बनी खीर का भोग लगाएं। व्रत रखने वाले भक्त निराहार (निरजला) व्रत रख सकते हैं या फलाहार ले सकते हैं। पूजा के बाद शिव चालीसा या सावन सोमवार व्रत कथा पढ़ना शुभ माना जाता है।


महत्व

सावन सोमवार का व्रत और पूजा विशेष रूप से अविवाहित लड़कियों के लिए मनचाहा वर प्राप्त करने और विवाहित दंपत्तियों के लिए वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से भक्तों के सारे दुख-दर्द दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह दिन सोलह सोमवार व्रत की शुरुआत के लिए भी आदर्श माना जाता है।

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