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No UPI: इस शहर में अब केवल कैश, छोटे व्यापारियों ने लगाए 'Only Cash Accepted' बोर्ड

Shops with 'Cash Only' signs, rejecting UPI payments

देश के एक प्रमुख शहर में छोटे व्यापारियों ने डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म UPI को अस्वीकार करते हुए 'Only Cash' बोर्ड अपनी दुकानों पर लगा दिए हैं। व्यापारी वर्ग का कहना है कि उन्हें UPI ट्रांजैक्शन से बैंक कटौती और तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इससे न केवल आम ग्राहकों को परेशानी हो रही है, बल्कि डिजिटल इंडिया मिशन को भी झटका लग सकता है।

UPI: नई दिल्ली। पहले तमिलनाडु में एक गोलगप्पे वाले को UPI पेमेंट की वजह से GST का नोटिस मिला, अब बेंगलुरु में छोटे दुकानदार UPI छोड़ कैश मांग रहे हैं। देश की IT कैपिटल में कई दुकानों पर QR कोड गायब होने लगे हैं, उनकी जगह 'केवल कैश' लिखे नोटिस चिपके हैं।


बेंगलुरु, जहां डिजिटल पेमेंट का बोलबाला था, वहां अब रेहड़ी-पटरी वाले UPI से किनारा कर रहे हैं। इसकी वजह GST डिपार्टमेंट का नोटिस है, दरअसल कई छोटे व्यापारियों को लाखों के नोटिस मिले हैं। बेंगलुरु स्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन के अनुसार GST अफसरों की परेशानी से तंग आकर दुकानदार कैश पर शिफ्ट हो रहे हैं। आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात में भी सरकारें UPI ऐप्स से टर्नओवर डेटा मांग रही हैं। दिल्ली में भी कुछ विक्रेता UPI छोड़ कैश लेना पसंद कर रहे हैं।


हमने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के एक बाजार में जाकर देखा। कुछ फल बेचने वालों ने UPI से पेमेंट लेने से मना कर दिया। एक बुजुर्ग दुकानदार ने कहा, "हमें टेक्नोलॉजी समझ नहीं आती।" दूसरे ने बताया कि UPI से पैसे देर से मिलते हैं। कुछ ने 2000 रुपये से ज्यादा के UPI पेमेंट पर टैक्स की अफवाह का भी जिक्र किया, जो बाद में गलत निकली।कई दुकानदार मजबूरी में ही UPI लेते हैं। एक विक्रेता ने छुपाया QR कोड दिखाते हुए कहा, "पैसा मेरी पत्नी के अकाउंट में जाता है, इसलिए कैश ही बेहतर।"

NPCI – UPI Official Site

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