MP News : भोजशाला विवाद पर एएसआई का सर्वे पूरा, हाई कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, अब 22 जुलाई को होगी सुनवाई

- Rohit banchhor
- 15 Jul, 2024
MP News : भोपाल/धार। एमपी के धार जिले में स्थित भोजशाला में मंदिर है या मस्जिद उसका फैसला जल्द होने वाला है।
MP News : भोपाल/धार। एमपी के धार जिले में स्थित भोजशाला में मंदिर है या मस्जिद उसका फैसला जल्द होने वाला है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने लंबे समय तक वहां पर खुदाई व सर्वे कर पूरी 2 हजार पन्नों की रिपोर्ट इंदौर हाई कोर्ट को सौप दी है। अब इस मामले में हाईकोर्ट में 22 जुलाई को सुनवाई होने जा रही है। सुनवाई को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह बना हुआ की 23 साल पहले भोजशाला में जो व्यवस्था लागू की गई थी हाई कोर्ट उसे क्या बदल देगा या नहीं।
MP News : गौरतलब है कि 11वीं सदी में किए गए इस परिसर के निर्माण को लेकर विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। हिंदू पक्ष इसे सरस्वती जी का मंदिर मानता है तो वही मुस्लिम पक्ष की दलील है कि यह मंदिर नहीं बल्कि कमाल मौला मस्जिद है।हिंदू फ्रंट ऑफ जस्टिस की याचिका पर हाईकोर्ट ने 11 मार्च को एएसआई को आदेश दिया था कि वह छह हफ्ते में भोजशाला परिसर की साइंटिफिक स्टडी कर अपनी रिपोर्ट सौंपे। हालांकि, रिपोर्ट सौंपने के लिए एएसआई ने और वक्त मांगा। तीन बार समय बढ़ाया गया।
MP News : चार जुलाई को हाईकोर्ट ने एएसआई को निर्देश दिए थे कि 15 जुलाई तक अपनी पूरी रिपोर्ट सौंप दें। एएसआई ने पूरा सर्वे कर रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौप दी है। उसके बाद हिंदू पक्ष के वकील का मानना है कि जो रिपोर्ट तैयार की गई है उसमें हमारा पक्ष बहुत मजबूत है और हम उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट की इंदौर बैंच के सामने हमने कहा था कि यह परिसर एक हिंदू मंदिर का है।
MP News : इसका इस्तेमाल मस्जिद की तरह हो रहा है। 2003 में एएसआई ने जो आदेश पारित किया था, वह पूरी तरह गलत है। देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन है। हमने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने एएसआई को साइंटिफिक स्टडी के निर्देश दिए थे। दो हजार पेज की रिपोर्ट में हमारा पक्ष मजबूत हुआ है।
MP News : दरअसल, पूरा विवाद एजेंसी के सात अप्रैल 2003 के आदेश को लेकर है। हिन्दू और मुस्लिमों में विवाद बढ़ने पर एएसआई ने आदेश जारी कर परिसर में प्रवेश को सीमित किया था। आदेश के बाद 21 साल से हिंदू सिर्फ मंगलवार को भोजशाला में पूजा-अर्चना कर सकते हैं। मुस्लिम सिर्फ शुक्रवार को नमाज अदा कर सकते हैं। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने इस व्यवस्था को चुनौती दी है।