India GDP growth: भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.8 प्रतिशत पर, पहली तिमाही में दिखी मजबूत, ट्रंप टैरिफ की निकली हवा

India GDP growth: नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1) में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (Real GDP) की वृद्धि दर 7.8% रही है। यह पिछली वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में दर्ज की गई 6.5% की वृद्धि दर से कहीं अधिक है। पिछली 5 तिमाही में सबसे ज्यादा GDP ग्रोथ रेट है।
आंकड़ों से पता चलता है कि मजबूत घरेलू मांग, निवेश में तेजी और नीतिगत सुधारों के चलते अर्थव्यवस्था ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह रफ्तार भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बनाए रखेगी।
नॉमिनल जीडीपी में 2025-26 की पहली तिमाही में 8.8% की बढ़ोतरी
1. रियल जीडीपी में 2025-26 की पहली तिमाही में 7.8% की बढ़ोतरी होने का अनुमान है, जो पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के 6.5% से ज्यादा है।
2. कृषि और संबंधित क्षेत्र में रियल ग्रॉस वैल्यू एडेड की बढ़ोतरी 3.7% रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ये 1.5% थी।
3.कॉन्सटेंट प्राइस पर इस तिमाही में सेकेंडरी सेक्टर, खासकर मैन्युफैक्चरिंग में 7.7% और कंस्ट्रक्शन में 7.6% रही।
4. माइनिंग और क्वार्रिंग (-3.1%) और बिजली, गैस, पानी की आपूर्ति व अन्य यूटिलिटी सर्विस सेक्टर (0.5%) में 2025-26 की पहली तिमाही में रियल बढ़ोतरी कम रही।
5. टर्सियरी सेक्टर (9.3%) ने 2025-26 की पहली तिमाही में स्थिर कीमतों पर अच्छी-खासी बढ़ोतरी दर्ज की, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 6.8% से ज्यादा है।
6. सरकारी की फाइनल कंज्प्शन एक्सपेंडिचर (GFCE) में नॉमिनल रूप से 9.7% की बढ़ोतरी हुई, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 4.0% से काफी बेहतर है।
7. रियल प्राइवेट फाइनल कंज्प्शन एक्सपेंडिटर (PFCE) में 2025-26 की पहली तिमाही में 7.0% की बढ़ोतरी हुई, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में ये 8.3% थी।
8. ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन (GFCF) में स्थिर कीमतों पर 7.8% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 6.7% से ज्यादा है।
RBI ने FY26 का GDP अनुमान 6.5% बरकरार रखा
6 अगस्त को भारतीय रिजर्व बैंक ने मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में FY26 के लिए इकोनॉमी ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा था। RBI गवर्नर ने कहा था- मानसून सीजन अच्छा चल रहा है। साथ ही, त्योहारों का सीजन भी नजदीक आ रहा है।
ये अनुकूल माहौल, सरकार और रिजर्व बैंक की सहायक नीतियों के साथ, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए निकट भविष्य में अच्छा संकेत देता है। भले ही ग्लोबल ट्रेड की चुनौतियां बनी हुई हैं, लेकिन भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं कुछ हद तक कम हुई हैं।