Breaking News
:

Uttarakhand News: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, CM धामी ने साझा की निर्माण की ताजा तस्वीरें, चार धाम यात्रा होगी सुगम

Chief Minister Dhami reviewing the Rishikesh–Karnaprayag rail line construction site showing tunnels and terrain in Uttarakhand

Uttarakhand News: देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के निर्माण कार्य को लेकर महत्वपूर्ण अपडेट साझा किया है। उन्होंने परियोजना की ताजा तस्वीरें पोस्ट करते हुए कहा कि यह रेल लाइन उत्तराखंड के लोगों के लिए परिवहन सुविधाओं में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। यह परियोजना न केवल चार धाम यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि चीन सीमा तक पहुंच को भी सुगम करेगी।


तेजी से हो रहा निर्माण कार्य


मुख्यमंत्री धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 125.20 किमी लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना पर आधुनिक तकनीक और मशीनों के साथ तेजी से काम हो रहा है।” उन्होंने बताया कि इस परियोजना में 12 नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है, जो गढ़वाल मंडल के पांच जिलों देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, और चमोली को आपस में जोड़ेगा।


सुरंगों पर विशेष ध्यान


परियोजना की खासियत इसका सुरंग-केंद्रित डिज़ाइन है। इसमें 105 किमी लंबी 16 मुख्य सुरंगें और 98 किमी लंबी 12 एस्केप सुरंगें शामिल हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन जैसी प्राकृतिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए रेल लाइन का 83% हिस्सा सुरंगों में बनाया जा रहा है। यह इसे एक ऑल-वेदर परिवहन विकल्प बनाएगा।


चार धाम यात्रा और रणनीतिक महत्व


यह रेल लाइन चार धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ की तीर्थयात्रा को और सुगम बनाएगी। साथ ही, यह भारत-चीन सीमा तक रणनीतिक पहुंच को मजबूत करेगी। परियोजना का 60% से अधिक बजट उपयोग हो चुका है, और 70% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अधिकारियों के अनुसार, पहला चरण 2026 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।


आर्थिक और पर्यटन विकास को बढ़ावा


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व वृद्धि प्रदान करेगी। रेल लाइन के चालू होने से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग की यात्रा 6-7 घंटे से घटकर मात्र 2.5 घंटे की रह जाएगी। यह न केवल तीर्थयात्रियों, बल्कि स्थानीय निवासियों और व्यापारियों के लिए भी लाभकारी होगा।


प्रगति और भविष्य


रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) द्वारा निष्पादित इस परियोजना में अब तक 13 मुख्य सुरंगें और 9 एस्केप सुरंगें पूरी हो चुकी हैं। मार्च 2025 तक शेष 10 सुरंगों में ब्रेकथ्रू की उम्मीद है। यह परियोजना केंद्र सरकार के PRAGATI पोर्टल पर निगरानी में है, जो इसकी राष्ट्रीय महत्व को दर्शाता है।

Popular post

Live News

Latest post

You may also like

Subscribe Here

Enter your email address to subscribe to this website and receive notifications of new posts by email.

Join Us