Uttarakhand News: अब बिना रजिस्ट्रेशन मसूरी में एंट्री नहीं, पर्यटन विभाग का नया आदेश, सीएम धामी बोले- सुरक्षा और सुविधा…

Uttarakhand News: देहरादून। उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने मसूरी आने वाले पर्यटकों के लिए नई व्यवस्था लागू की है। अब मसूरी घूमने के लिए सभी पर्यटकों को पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इस नए नियम को आज से लागू कर दिया गया है। पर्यटन विभाग का कहना है कि मसूरी में बढ़ती पर्यटकों की भीड़ और ट्रैफिक के दबाव को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस फैसले पर जहां कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ ने इसकी आलोचना भी की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस व्यवस्था का समर्थन करते हुए कहा, "पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का उद्देश्य मसूरी में व्यवस्थित पर्यटन को बढ़ावा देना और सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।" उन्होंने कहा कि हर साल मसूरी में 20 लाख से अधिक पर्यटक आते हैं, जिससे भीड़ और ट्रैफिक की समस्या बढ़ रही है। इस व्यवस्था से इन चुनौतियों से निपटा जा सकेगा।
पर्यटन विभाग ने बताया कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। पर्यटकों को आधार कार्ड के माध्यम से अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए विभाग ने एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है, जहां पर्यटक आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। साथ ही, मसूरी में प्रवेश के दौरान वाहनों की जांच के लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे भी लगाए गए हैं, जो रजिस्टर्ड वाहनों की पहचान करेंगे।
मसूरी, जिसे 'पहाड़ों की रानी' के नाम से जाना जाता है, हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। गर्मियों और सर्दियों में यहां पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे ट्रैफिक जाम और प्रबंधन की समस्याएं बढ़ रही हैं। पर्यटन विभाग का मानना है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से पर्यटकों की संख्या का बेहतर प्रबंधन हो सकेगा, और आपात स्थिति में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
इस नए नियम को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं। कुछ पर्यटकों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह व्यवस्था मसूरी में व्यवस्था बनाए रखने और पर्यटकों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि यह अतिरिक्त प्रक्रिया यात्रा को जटिल बना सकती है।
सीएम धामी ने आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा, "हमारा लक्ष्य मसूरी को एक सुरक्षित और सुव्यवस्थित पर्यटन स्थल बनाना है। यह व्यवस्था पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए है, न कि उनकी परेशानी बढ़ाने के लिए।"