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Kamika Ekadashi 2024 : कामिका एकादशी के दिन महादेव रहते है कैलाश पर्वत पर विराजमान, इन चीजों के दान से मिलेगा पुण्य...

Kamika Ekadashi 2024, on July 31, is a major Hindu festival dedicated to Vishnu and Lakshmi, involving rituals like Nirjala Vrat and cow donation. The day promises significant spiritual rewards and includes auspicious timings such as Dhruv Yoga.

Kamika Ekadashi 2024 : डेस्क न्यूज। हर वर्ष सावन माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन कामिका एकादशी मनाई जाती है।

Kamika Ekadashi 2024 : डेस्क न्यूज। हर वर्ष सावन माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन कामिका एकादशी मनाई जाती है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु एवं धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। इस वर्ष 31 जुलाई को सावन महीने की एकादशी का व्रत किया जाएगा, जिसे कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है।

Kamika Ekadashi 2024 : कामिका एकादशी की तिथि- 
सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई को संध्याकाल 4.44 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 31 जुलाई को संध्याकाल 3.55 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में व्रत-त्योहार के लिए सूर्याेदय के बाद से तिथि की गणना की जाती है, इसलिए 31 जुलाई को कामिका एकादशी मनाई जाएगी।

Kamika Ekadashi 2024 : कामिका एकादशी का शुभ योग- 
कामिका एकादशी पर ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दोपहर 02.14 मिनट तक रहेगा। इस योग में भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और शुभ कार्यों में सिद्धि मिलती है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है, जो दिन भर रहेगा।

Kamika Ekadashi 2024 : कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे महादेव-
कामिका एकादशी पर देवों के देव महादेव कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे। इस समय में भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। भगवान शिव दोपहर 03.55 मिनट तक कैलाश पर रहेंगे। इसके बाद नंदी पर सवार होंगे। दोनों समय अभिषेक के लिए अनुकूल हैं। इस समय में भगवान नारायण की भी पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में बढ़ोतरी होगी।

Kamika Ekadashi 2024 : व्रत का संकल्प-
स्कंद पुराण में बताया गया है कि सावन महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी पर व्रत, पूजा और दान से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं। लेकिन, जानबूझकर दोबारा कोई पाप या अधर्म नहीं होगा, ऐसा संकल्प भगवान विष्णु के सामने लेने पर ही इसका फल मिलता है। यह व्रत साल की 24 एकादशियों में खास माना गया है।
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