MP News : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का किया लोकार्पण, मोबाइल ऐप भी लॉन्च, जानिए इसकी खासियत

MP News : भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज भोपाल में सीएम हाउस के मुख्य द्वार पर स्थापित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर वैदिक घड़ी मोबाइल ऐप का भी शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में कई कैबिनेट मंत्री और गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अपने संबोधन में वैदिक काल गणना की वैज्ञानिकता और भारतीय संस्कृति के गौरव पर प्रकाश डाला।
MP News : वैदिक घड़ी: भारतीय समय गणना का गौरव
मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी ने बताया कि वैदिक घड़ी प्राचीन भारतीय काल गणना पद्धति पर आधारित है, जो सूर्योदय से सूर्योदय तक 30 मुहूर्तों के आधार पर समय की गणना करती है। उन्होंने कहा कि यह घड़ी न केवल समय बताएगी, बल्कि भारतीय संस्कृति और विज्ञान की गहरी समझ को भी दर्शाएगी। श्री तिवारी ने सुझाव दिया कि ऐसी घड़ियां 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों, राजभवन और अन्य सरकारी भवनों में भी स्थापित की जाएं ताकि प्राचीन भारतीय ज्ञान का प्रचार-प्रसार हो।
MP News : सीएम का संबोधन: भारतीय संस्कृति और विज्ञान का सम्मान
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारत में 300 वर्ष पहले समय की गणना विश्व स्तर पर मान्य थी। उन्होंने बताया कि हमारी काल गणना प्रकृति के साथ सामंजस्य रखती है, जिसमें ऋतुओं, तिथियों और अधिकमास का हिसाब शामिल है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अमावस्या और पूर्णिमा के दिन मानसिक रोगियों में असामान्य व्यवहार देखा जाता है, जो प्रकृति और मानव शरीर के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है।
सीएम ने कहा, “हमारी वैदिक गणना पूरी तरह वैज्ञानिक है। सूर्योदय से सूर्योदय तक 30 मुहूर्तों की गणना, ज्वार-भाटा और ऋतुओं का हिसाब, यह सब हमारे प्राचीन ज्ञान का हिस्सा है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि पीएम स्वदेशी भाव को बढ़ावा दे रहे हैं और इसरो जैसे संस्थानों में वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ा रहे हैं।
MP News : वैदिक घड़ी ऐप: हर जेब में भारतीय समय
लोकार्पण के साथ ही वैदिक घड़ी मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया, जिसके जरिए लोग अपने फोन पर प्राचीन भारतीय समय गणना देख सकेंगे। सीएम ने कहा, “अब वैदिक घड़ी हर व्यक्ति के मोबाइल में होगी। यह हमारी संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम बनेगी।”