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UP News: यूपी में बनेगा फुटवियर और लेदर उद्योग का वैश्विक केंद्र, सीएम योगी ने की नई नीति की घोषणा

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UP News: लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एमएसएमई विभाग की बैठक में 'उत्तर प्रदेश फुटवियर, लेदर और नॉन-लेदर क्षेत्र विकास नीति 2025' की घोषणा की। इस नीति के तहत 'डिज़ाइन टू डिलीवरी' मॉडल पर आधारित एक एकीकृत इकोसिस्टम विकसित किया जाएगा, जिससे उत्तर प्रदेश को फुटवियर और लेदर विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाया जा सके। इस नीति से राज्य में लगभग 22 लाख नए रोजगार सृजित होने की संभावना है।


सीएम योगी ने बताया कि नई नीति के तहत उत्पादन, डिज़ाइन, अनुसंधान और प्रशिक्षण को एक ही मंच पर लाया जाएगा। इससे न केवल फुटवियर और लेदर उद्योग को बल मिलेगा, बल्कि सहायक इकाइयों जैसे बकल्स, ज़िप, सोल, इनसोल, लेस, केमिकल्स, डाइज, हील्स, थ्रेड्स, टैग्स और लेबल्स के निर्माण को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके अलावा, चमड़ा सिलाई, कटिंग, मोल्डिंग और नॉन-लेदर सेफ्टी शूज़ के लिए मशीनरी निर्माण इकाइयों को भी समर्थन प्रदान किया जाएगा।


मुख्यमंत्री ने कहा, "आगरा, कानपुर और उन्नाव जैसे औद्योगिक केंद्रों में पारंपरिक कौशल, प्रशिक्षित श्रमबल और कच्चे माल की प्रचुरता के साथ उत्तर प्रदेश में इस उद्योग के लिए अपार संभावनाएं हैं। यह नीति इन संसाधनों का समुचित उपयोग करते हुए राज्य को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाएगी।"


सीएम योगी ने फुटवियर उद्योग के लिए फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स विकसित करने के निर्देश दिए, ताकि उद्यमियों को बेहतर कार्य वातावरण और बुनियादी ढांचा उपलब्ध हो सके। उन्होंने क्लस्टर आधारित औद्योगिक विकास पर जोर देते हुए कहा कि नीति में स्पष्ट रूप से उन क्षेत्रों को चिह्नित किया जाए, जो इस उद्योग के लिए सबसे उपयुक्त हैं। इससे निवेशकों को स्पष्ट दिशा-निर्देश मिलेंगे और उद्योग का तेजी से विस्तार होगा।


बैठक में प्रस्तावित 'उत्तर प्रदेश औद्योगिक आस्थान नीति' पर भी चर्चा हुई। इस नीति का उद्देश्य औद्योगिक भूमि आवंटन को पारदर्शी और डिजिटल बनाना है। भूखंडों का आवंटन ई-नीलामी के माध्यम से होगा, और क्षेत्रानुसार भूमि की दरें निर्धारित की जाएंगी। एंकर इकाइयों के लिए भूमि की दरें शासन द्वारा तय की जाएंगी।


सीएम योगी ने 'लीज़ रेंट मॉडल' को अपनाने का सुझाव दिया, जो सीमित औद्योगिक भूमि के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करेगा और निवेशकों की पूंजीगत लागत को कम करेगा। उन्होंने कहा, "पारदर्शी और समयबद्ध प्रक्रिया से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा, और औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी।"


मुख्यमंत्री ने निजी औद्योगिक पार्कों को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत प्रोत्साहन, स्टाम्प ड्यूटी में छूट, बिजली और लॉजिस्टिक्स सब्सिडी, और सिंगल विंडो अनुमोदन जैसी सुविधाओं की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने एकीकृत ऑनलाइन आवेदन और प्रोत्साहन वितरण प्रणाली विकसित करने के निर्देश दिए, ताकि सभी प्रक्रियाएं डिजिटल, सुगम और पारदर्शी हो सकें।


वर्तमान में भारत फुटवियर और लेदर उद्योग में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है, जिसमें उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका है। आगरा को "फुटवियर राजधानी" के रूप में जाना जाता है, और कानपुर व उन्नाव में 200 से अधिक टैनरियां सक्रिय हैं। नई नीति के तहत इन क्षेत्रों को और सशक्त किया जाएगा, जिससे उत्तर प्रदेश वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सके।


सीएम योगी ने कहा, "यह नीति न केवल उद्योग को बढ़ावा देगी, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेगी। स्किलिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान देकर हम 'डिज़ाइन टू डिलीवरी' मॉडल को साकार करेंगे।"

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