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Nepal social media ban: नेपाल हिंसा के बीच Gen Z ने फूंका कानून मंत्री का घर, 9 मंत्रियों का इस्तीफा, दुबई भागने की तैयारी में PM ओली

Nepal social media ban: काठमांडू। सोशल मीडिया पर बैन लगाने से काठमांडू में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। संसद भवन के बाहर मंगलवार सुबह से ही प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी

Nepal social media ban: काठमांडू। सोशल मीडिया पर बैन लगाने से काठमांडू में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। संसद भवन के बाहर मंगलवार सुबह से ही प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। हालांकि राजधानी में सुबह से कर्फ्यू हटा लिया गया, लेकिन राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति निवास, प्रधानमंत्री आवास, सिंह.दरबार और संसद भवन के आसपास प्रतिबंध जारी है।


Nepal social media ban: वहीं मंत्री निवास और प्रमुख दलों के दफ्तरों के आसपास आज सुबह 7 बजे से रात 12 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा। नेपाल में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने आज शाम छह बजे सर्वदलीय बैठक बुलाने का ऐलान किया है। ओली ने कहा कि वे हालात का आकलन करने और सार्थक समाधान तलाशने के लिए संबंधित दलों से संवाद कर रहे हैं। उन्होंने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है।


Nepal social media ban: बता दें कि नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन हटाने की मांग से शुरू प्रदर्शन की आंच पीएम ओली की कुर्सी तक जा पहुंची है। बताया जा रहा है कि PM ओली दुबई भागने की तैयारी में हैं। हालांकि बीत दिन ही आईटी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरंग ने कहा कि नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाया गया बैन हटा लिया है और इन्हें धीरे-धीरे बहाल किया जाएगा। लेकिन Gen Z यानी युवा सीधे केपी शर्मा ओली का इस्तीफा चाहते हैं।


Nepal social media ban: बीरगंज में फूंका नेपाल के कानून मंत्री का घर, 9 मंत्रियों का इस्तीफा नेपाल में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. मंगलवार (9 सितंबर) को केपी ओली सरकार के 9 मंत्रियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है. इन मंत्रियों ने इस्तीफा देने का कारण सरकार की नीतियों और सोमवार को सोशल मीडिया बैन को लेकर हुई हिंसक Gen-Z प्रदर्शन के दौरान सरकारी कार्रवाई को बताया है। उधर, नेपाल के बीरगंज में नेपाल सरकार के कानून मंत्री अजय कुमार चौरसिया का भी घर जला दिया गया है।


Nepal social media ban: इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में मुख्य रूप से कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और सूचना मंत्रालय से जुड़े नाम शामिल हैं। उनका कहना है कि सरकार ने नागरिकों की आवाज को दबाने और लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान न करने के कारण ये कदम उठाया। साथ ही उप-प्रधानमंत्री ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा इस बात का संकेत है कि राजनीतिक असंतोष केवल कांग्रेस के भीतर ही नहीं, बल्कि सरकार के शीर्ष स्तर तक फैल गया है।

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