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Raipur City News : पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने की तैयारी, ADG प्रदीप गुप्ता की अध्यक्षता में समिति गठित

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यह कदम रायपुर को दिल्ली, मुंबई और भोपाल जैसे महानगरों की तर्ज पर एक मजबूत कानून-व्यवस्था प्रणाली प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

Raipur City News : रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 1 नवंबर 2025 से पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने की दिशा में तेजी से काम शुरू हो गया है। सरकार के निर्देश पर डीजीपी अरुणदेव गौतम ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) प्रदीप गुप्ता की अध्यक्षता में सात आईपीएस अधिकारियों की एक समिति गठित की है, जो इस प्रणाली के लिए ड्राफ्ट तैयार करेगी। यह कदम रायपुर को दिल्ली, मुंबई और भोपाल जैसे महानगरों की तर्ज पर एक मजबूत कानून-व्यवस्था प्रणाली प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।


समिति का गठन और उसका कार्य-

ADG प्रदीप गुप्ता की अध्यक्षता वाली समिति में पुलिस महानिरीक्षक (नारकोटिक्स) अजय यादव, पुलिस महानिरीक्षक (रायपुर रेंज) अमरेश मिश्रा, पुलिस महानिरीक्षक (अअवि) ध्रुव गुप्ता, उप पुलिस महानिरीक्षक (दूरसंचार) अभिषेक मीणा, उप पुलिस महानिरीक्षक (सीसीटीएनएस) संतोष सिंह, और पुलिस अधीक्षक (विआशा) प्रभात कुमार शामिल हैं। वैधानिक पहलुओं के लिए लोक अभियोजन संचालनालय की संयुक्त संचालक मुकुला शर्मा को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में जोड़ा गया है।


समिति का मुख्य कार्य यह तय करना है कि पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली को छत्तीसगढ़ पुलिस एक्ट 2007 के तहत लागू किया जाए या इसके लिए नया अधिनियम बनाया जाए। यदि सरकार नया अधिनियम लाने का फैसला करती है, तो इसके लिए विधानसभा से कानून पारित कराने या राज्यपाल से अध्यादेश जारी कराने के विकल्प पर विचार किया जाएगा। समिति अन्य राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, दिल्ली, और मुंबई के कमिश्नरेट मॉडल का अध्ययन कर छत्तीसगढ़ के लिए सर्वश्रेष्ठ ड्राफ्ट तैयार करेगी।


पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली क्या है?

पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली एक ऐसी व्यवस्था है, जो बड़े शहरों में कानून-व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने के लिए लागू की जाती है। इस प्रणाली में शहर की सुरक्षा और प्रशासन की जिम्मेदारी एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी (आमतौर पर डीजी, ADG, या IG रैंक) को सौंपी जाती है, जिसे पुलिस आयुक्त (कमिश्नर) कहा जाता है। यह प्रणाली दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, भोपाल, और इंदौर जैसे शहरों में पहले से लागू है। कमिश्नर का चयन शहर की जनसंख्या और अपराध दर के आधार पर राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।


कलेक्टर और अन्य अधिकारियों की भूमिका-

कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद कलेक्टर के अधिकार सीमित हो जाएंगे, और वे मुख्य रूप से राजस्व संबंधी कार्यों तक सीमित रहेंगे। लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी पूरी तरह पुलिस आयुक्त के पास होगी। यदि सरकार चाहेगी, तो ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग से पुलिस अधीक्षक (SP रूरल) नियुक्त किया जा सकता है। पूरे जिले को कमिश्नरेट के तहत लाने पर SP रैंक के अधिकारियों को उप पुलिस आयुक्त (DCP) बनाया जा सकता है।

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