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मध्यप्रदेश के कॉलेजों में लागू होगा ड्रेस कोड, बुर्का, हिजाब और भगवा वस्त्र पहनकर नहीं आ पाएंगी छात्राएं

मध्यप्रदेश

छात्र और छात्राओं दोनों के लिए ही ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। इधर दूसरी और सरकार के फैसले के बाद मध्य प्रदेश में विवाद भी खड़ा होता हुआ

भोपाल। मध्य प्रदेश के महा विद्यालयो को लेकर प्रदेश की मोहन सरकार ने ड्रेस कोड लागू करने का बड़ा फैसला लिया है। ड्रेस कोड लागू होने के बाद कॉलेज में अध्ययन करने के लिए आने वाली छात्राएं बुरखा हिजाब और भगवाधारी वस्त्र पहनकर प्रवेश नहीं कर पाएंगी। ड्रेस कोड को सबसे पहले पीएमश्री एक्सीलेंस कॉलेजों में लागू किया जाएगा। इसके बाद अन्य सभी सरकारी कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने की प्लानिंग है। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने  कहा कि नया ड्रेस कोड लागू होने से कॉलेज परिसर में बाहरी लोगों की पहचान आसानी से हो सकेगी,क्योंकि अभी कई बार कॉलेज में बाहरी लोगों के प्रवेश की शिकायतें आती हैं।

कई तरह की घटनाएं हो जाती हैं,इसी वजह से ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है। वहीं शिक्षा मंत्री का ये भी कहना है कि गणवेश लागू होने से कॉलेज में स्टूडेंट्स के बीच एकरूपता का भाव आएगा। छात्र और छात्राओं दोनों के लिए ही ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। इधर दूसरी और सरकार के फैसले के बाद मध्य प्रदेश में विवाद भी खड़ा होता हुआ नजर आ रहा है कांग्रेस ने पूरे मामले पर सवाल खड़े किए हैं कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का कहना है कि मध्य प्रदेश में इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।



सूर्य नमस्कार का विरोध करने वाले लोग सूर्य की रोशनी लेना छोड़ दें 

जमीयत उलेमा ए हिंद ने सूर्य नमस्कार से दूर रहने का प्रस्ताव पारित किया है। सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने प्रस्ताव पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि ऐसी विकृत मानसिकता के लोग अगर सूर्य से दुश्मनी रखते हैं तो वह लोग सूर्य की रोशनी लेना छोड़ दें। वह लोग जाकर किसी ऐसी गुफा में बस जाएँ जहाँ पर सूरज की रोशनी नहीं आए। सूर्य नमस्कार और सरस्वती वन्दना वैज्ञानिक पद्धति और भारतीय  संस्कृति को दर्शाती है। इंदर सिंह ने कहा कि ऐसी विचारधारा अगर मध्य प्रदेश में आती है और सरकार से संबंधित संस्था जो नियम क़ानून के विरुद्ध चलेंगे उनके ख़िलाफ़ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।

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