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Bihar News: बिहार में SIR का पहला चरण पूरा, 153 सीटों पर बदल सकता है समीकरण, 20 लाख मृत…

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इसके अलावा 7 लाख मतदाताओं के नाम एक से अधिक जगहों पर दर्ज हैं, और लगभग 1 लाख मतदाताओं का कोई ठोस पता उपलब्ध नहीं हो सका है।

Bihar News: पटना। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया अपने पहले चरण के अंतिम चरण में है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, अब तक 98.01% मतदाताओं को इस प्रक्रिया में कवर किया जा चुका है। इस दौरान 20 लाख मृत मतदाताओं के नाम सूची में पाए गए हैं, वहीं 28 लाख ऐसे मतदाता मिले हैं जिन्होंने स्थायी रूप से अपना पता बदल लिया है। इसके अलावा 7 लाख मतदाताओं के नाम एक से अधिक जगहों पर दर्ज हैं, और लगभग 1 लाख मतदाताओं का कोई ठोस पता उपलब्ध नहीं हो सका है।



आयोग को अब तक 15 लाख मतदाताओं के फॉर्म भी प्राप्त नहीं हुए हैं, जबकि कुल 7.17 करोड़ यानी 90.89% मतदाताओं के फॉर्म प्राप्त कर डिजिटाइज किए जा चुके हैं। SIR के पहले चरण में उन सभी मतदाताओं की सूची तैयार की गई है जो या तो गलत रूप से शामिल हैं या जिनका फॉर्म अब तक नहीं भरा गया है। यह सूची बिहार के 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों द्वारा नामित 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) के साथ 20 जुलाई को साझा की जा चुकी है। वहीं, राज्य से बाहर अस्थायी रूप से निवास कर रहे प्रवासी मतदाताओं को भी इस प्रक्रिया में भाग लेने की सुविधा दी गई है।



यदि वे किसी अन्य जगह के मतदाता नहीं बने हैं, तो वे अपना फॉर्म ऑनलाइन voters.eci.gov.in या ईसीआईनेट मोबाइल ऐप के माध्यम से भर सकते हैं, या उसका प्रिंट निकालकर भरकर बीएलओ को भेज सकते हैं। प्रिंटेड फॉर्म को अपने परिवार के जरिए बीएलओ तक पहुंचाया जा सकता है या बीएलओ के व्हाट्सऐप नंबर पर भेजा जा सकता है। जो मतदाता फॉर्म जमा कर चुके हैं, उनके नाम 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित की जाने वाली प्रारूप मतदाता सूची में शामिल होंगे। यदि प्रारूप सूची में कोई त्रुटि पाई जाती है तो किसी भी मतदाता या राजनीतिक दल को 1 सितंबर 2025 तक आपत्ति दर्ज कराने का अधिकार होगा।



इसी अवधि तक योग्य व्यक्ति, जिनका नाम सूची में नहीं आया है, वे अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं। निर्वाचन आयोग ने जिन मतदाताओं के फॉर्म में मोबाइल नंबर दर्ज हैं, उन्हें एसएमएस के माध्यम से जानकारी भी भेजी है, ताकि वे अपने फॉर्म की स्थिति की पुष्टि कर सकें। यह पुनरीक्षण प्रक्रिया राज्य के 153 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता आंकड़ों को और अधिक सटीक और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम कदम है, जिससे निष्पक्ष और त्रुटिहीन चुनाव सुनिश्चित किया जा सके।

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