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Sawan Somwar 2025 : आज सावन का दूसरा सोमवार, शिवभक्ति में डूबा देश, उज्जैन, काशी और हरिद्वार में उमड़ा भक्तों का सैलाब

Sawan Somwar 2025

हरिद्वार से अब तक 3 करोड़ से अधिक कांवड़िए गंगाजल लेकर अपने गंतव्य के लिए रवाना हो चुके हैं।

Sawan Somwar 2025 : उज्जैन/वाराणसी/हरिद्वार। सावन मास का दूसरा सोमवार है, और पूरे देश में शिवभक्ति का उत्साह चरम पर है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम, और उत्तराखंड के हरिद्वार में शिवभक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। मंदिरों में सुबह से ही पूजा-अर्चना, विशेष आरती, और कांवड़ यात्रा का जोश पूरे देश में फैला हुआ है। हरिद्वार से अब तक 3 करोड़ से अधिक कांवड़िए गंगाजल लेकर अपने गंतव्य के लिए रवाना हो चुके हैं।


उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर में अलौकिक भस्म आरती-

उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज तड़के 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए। सुबह की भस्म आरती में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। आरती से पहले भगवान वीरभद्र और गर्भगृह में स्थित सभी देवताओं की पूजा की गई। बाबा महाकाल का पंचामृत (दूध, दही, घी, शक्कर, और फलों का रस) से अभिषेक किया गया, जिसके बाद ‘हरि ओम’ का जल अर्पित कर घंटाल बजाया गया। बाबा महाकाल को भांग का लेप, सूर्य चिन्ह, रजत कुंडल, नवीन मुकुट, और रुद्राक्ष की माला धारण कराई गई। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा शिवलिंग पर भस्म अर्पित की गई, जिसका अलौकिक दृश्य देखने के लिए मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।


शाही सवारी: सांस्कृतिक रंगों का संगम-

आज शाम बाबा महाकाल की दूसरी शाही सवारी नगर भ्रमण के लिए निकलेगी। भगवान चंद्रमौलेश्वर पालकी में और भगवान मनमहेश हाथी पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे। सभामंडप में पूजन के बाद सवारी परंपरागत मार्ग से रवाना होगी। इस बार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर सवारी में सांस्कृतिक रंग जोड़े गए हैं। सवारी में देश की विभिन्न जनजातियों के आठ सांस्कृतिक दल शामिल होंगे, जो अपनी परंपरागत वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुत करेंगे। इनमें शामिल हैं: झाबुआ (म.प्र.): भगोरिया नृत्य नाशिक (महाराष्ट्र): सौगी मुखोटा नृत्य गुजरात: राठ जनजातीय नृत्य राजस्थान: गैर-घूमरा नृत्य ये प्रस्तुतियाँ सवारी को और भी भव्य और आध्यात्मिक बनाएंगी। महाकाल की सवारी शुरू: नगर भ्रमण के हर चरण में भक्तों को मिलेगा अलग-अलग स्वरूप का दर्शन


काशी विश्वनाथ: मंगला आरती का भक्तिमय माहौल-

वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ धाम में आज सुबह 3 बजे मंदिर के कपाट खोले गए, और 4 बजे मंगला आरती संपन्न हुई। बाबा विश्वनाथ को स्वर्ण मुकुट और राम नाम की माला पहनाई गई। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की 5 किलोमीटर लंबी कतारें देखी गईं। भक्तों पर पुष्प वर्षा की गई, जिससे माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया। मंदिर प्रशासन ने व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए रेड कार्पेट, निःशुल्क ई-रिक्शा, गोल्फ कार्ट, और सीसीटीवी निगरानी की व्यवस्था की है। गर्भगृह का सजीव प्रसारण भी एलईडी टीवी पर किया जा रहा है।


हरिद्वार: कांवड़ यात्रा में 3 करोड़ से अधिक भक्त-

उत्तराखंड के हरिद्वार में इस बार कांवड़ यात्रा में भक्तों की संख्या 3 करोड़ को पार कर चुकी है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, और उत्तर प्रदेश से लाखों कांवड़िए गंगाजल लेने हरिद्वार पहुंच रहे हैं। प्रशासन ने यातायात, सुरक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। ड्रोन और सीसीटीवी से कांवड़ मार्गों की निगरानी की जा रही है। कांवड़िए ‘बम-बम भोले’ और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों के साथ अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं। कुछ भक्त 101 से 121 लीटर गंगाजल की कांवड़ लेकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना कर रहे हैं।


शिवभक्ति का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व-

सावन मास को भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं, और सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। सावन में शिवलिंग पर जल और बिल्वपत्र चढ़ाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ज्योतिष के अनुसार, सावन सोमवार का व्रत और मंगला गौरी व्रत करने से वैवाहिक सुख और संतान सुख की प्राप्ति होती है।

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