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Google Chrome: अमेरिकी सरकार की बड़ी कार्रवाई! Google को बेचना पड़ सकता है Chrome ब्राउजर, जानें क्या है वजह

गूगल Chrome ब्राउज़र पर DOJ का दबाव, व्यापारिक नीतियों में बदलाव की मांग

Google Chrome: नई दिल्ली: अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने गूगल की व्यापारिक नीतियों में बड़े बदलाव लाने की दिशा में अहम कदम उठाया है। विभाग ने अदालत से गूगल को Chrome ब्राउज़र बेचने के लिए बाध्य करने का आग्रह किया है। यह कदम उस फैसले के बाद आया है जिसमें DOJ ने गूगल पर सर्च मार्केट में अवैध एकाधिकार स्थापित करने का आरोप लगाया था। Chrome, जो दुनिया का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ब्राउज़र है, गूगल के अन्य उत्पादों को बढ़ावा देने में सहायक माना जाता है।

Google Chrome: गूगल का दबदबा
गूगल का क्रोम ब्राउज़र वैश्विक ब्राउज़र बाजार का दो-तिहाई हिस्सा नियंत्रित करता है। इसका गूगल सर्च इंजन और विज्ञापन प्रणाली के साथ गहरा इंटिग्रेशन है। यह यूजर्स का डेटा एकत्रित करके लक्षित विज्ञापनों में इस्तेमाल करता है, जिससे प्रतिस्पर्धी कंपनियों को बाजार में प्रवेश और विकास का अवसर कम मिलता है। DOJ का मानना है कि यह स्थिति एंटीट्रस्ट कानूनों का उल्लंघन करती है।

Google Chrome: DOJ की शर्तें और गूगल का जवाब
DOJ गूगल से Android को Google Search और Google Play से अलग करने, विज्ञापनदाताओं को अधिक स्वतंत्रता देने, और AI उत्पादों द्वारा वेबसाइट सामग्री के उपयोग पर नियंत्रण की मांग कर रहा है। वहीं, गूगल ने इन मांगों को "कट्टरपंथी एजेंडा" बताया है। गूगल का दावा है कि यह उपभोक्ताओं के लिए हानिकारक साबित होगा और तकनीकी उद्योग पर नकारात्मक असर डालेगा।

Google Chrome: बाइडन प्रशासन की कार्रवाई
यह मामला बड़ी तकनीकी कंपनियों के खिलाफ बाइडन प्रशासन की आक्रामक नीतियों का हिस्सा है। इस मामले की सुनवाई अप्रैल 2025 में होगी और अंतिम निर्णय अगस्त 2025 तक आने की संभावना है। तकनीकी उद्योग और उपभोक्ताओं की नजरें इस मामले पर टिकी हैं।

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