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Bihar News: बिहार की नई मतदाता सूची जारी, 65 लाख वोटरों के नाम हटे, 6 जिलों में सबसे ज्यादा कटौती

पटना: बिहार वोटर लिस्ट 2025 से 65 लाख नाम हटने पर चर्चा।

Bihar News: पटना। चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए संशोधित मतदाता सूची जारी कर दी है। इस विशेष गहन संशोधन (SIR) के बाद कुल 65 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। सारण, भागलपुर, पश्चिम चंपारण, किशनगंज, सहरसा और सुपौल जैसे छह जिलों में सबसे अधिक नाम हटाए गए हैं। यह संशोधित सूची चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है, और सभी 38 जिलों के जिला मजिस्ट्रेट (DM) तथा राजनीतिक दलों को इसकी प्रति सौंपी गई है।


मतदाता सूची में सुधार का अवसर

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि यह मतदाता सूची अंतिम नहीं है। नागरिक 2 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक विशेष शिविरों में जाकर अपने नाम जोड़ने, हटाने या गलत जानकारी को ठीक करने के लिए आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित होगी।


कहां कितने वोटरों के नाम हटे

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, निम्नलिखित छह जिलों में एक लाख से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। नाम हटाने का कारण मृत्यु, पलायन, दोहरे पंजीकरण या गलत पते जैसे कारक हैं।

सारण: इस जिले में 10 विधानसभा सीटें हैं। यहां 2,73,223 मतदाताओं के नाम हटाए गए। पहले 31,34,108 वोटर थे, अब 28,60,885 बचे हैं।

भागलपुर: 6 विधानसभा सीटों वाले इस जिले में 2,44,612 वोटरों के नाम हटाए गए। पहले 24,00,414 मतदाता थे, अब 21,55,802 बचे हैं। पश्चिम

चंपारण: 9 विधानसभा सीटों वाले इस जिले से 1,91,376 नाम हटाए गए। पहले 27,60,990 वोटर थे, अब 25,69,614 बचे हैं।

किशनगंज: 4 विधानसभा सीटों वाले इस जिले से 1,45,913 मतदाताओं के नाम हटाए गए।

सहरसा: 4 विधानसभा सीटों वाले इस जिले में 1,31,596 नाम हटाए गए। पहले 13,91,674 वोटर थे, अब 12,60,078 बचे हैं।

सुपौल: 6 विधानसभा सीटों वाले इस जिले से 1,28,207 मतदाताओं के नाम हटाए गए। पहले 16,40,664 वोटर थे, अब 15,12,457 बचे हैं।

इसके अलावा, खगड़िया में 79,551 और बक्सर में 87,645 मतदाताओं के नाम हटाए गए, जबकि शेखपुरा में 26,256 नाम कटे।


क्यों हटाए गए इतने नाम

चुनाव आयोग ने 24 जून 2025 को शुरू किए गए विशेष गहन संशोधन (SIR) अभियान के तहत मृत, स्थानांतरित, दोहरे पंजीकरण वाले या अज्ञात पते वाले मतदाताओं की पहचान की। आयोग के अनुसार, 18 लाख मृत मतदाताओं, 26 लाख स्थानांतरित मतदाताओं और 7 लाख दोहरे वोटरों के नाम हटाए गए हैं।


विवाद और आलोचना

इस संशोधन प्रक्रिया पर विपक्षी दलों, खासकर INDIA गठबंधन, ने सवाल उठाए हैं। उनका दावा है कि यह प्रक्रिया सत्तारूढ़ NDA गठबंधन को फायदा पहुंचाने की कोशिश है। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रति विधानसभा 3,200 वोटरों के नाम हटने से कई सीटों पर चुनावी परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। राहुल गांधी ने इसे "चुनाव चोरी" की कोशिश करार दिया। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया संवैधानिक और निष्पक्ष है। आयोग ने 1 लाख बूथ लेवल ऑफिसर (BLO), 4 लाख स्वयंसेवकों और 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंट्स की मदद से 97.3% मतदाताओं के गणना फॉर्म एकत्र किए हैं।


पूर्वी बिहार पर ज्यादा असर

आंकड़ों से पता चलता है कि पूर्वी बिहार के जिले जैसे किशनगंज, भागलपुर, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में औसत से अधिक नाम हटाए गए हैं। कई सीटों पर हटाए गए वोटरों की संख्या 2020 के चुनाव में जीत के अंतर से अधिक है, जिससे यह प्रक्रिया कई सीटों के परिणामों को प्रभावित कर सकती है।

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