AAIB Report: 'AI-171 के चालक दल ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में जिम्मेदारी के साथ काम किया', अनुमान के आधार पर बदनाम करना गलत- ICPA का बड़ा बयान

AAIB Report: नई दिल्ली: अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के 12 जून 2025 को दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना की जांच को लेकर पायलट संगठनों ने गंभीर सवाल उठाए हैं। इंडियन कॉमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) और एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए निष्पक्ष और तथ्य-आधारित जांच की मांग की है। दोनों संगठनों का कहना है कि पायलटों को पहले से दोषी मान लेना और उनके खिलाफ अटकलों को बढ़ावा देना अनुचित है।
आईसीपीए, जो टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया के नैरो-बॉडी बेड़े के पायलटों का प्रतिनिधित्व करता है, ने रविवार (13 जुलाई 2025) को बयान जारी कर कहा कि AI-171 के चालक दल ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपने प्रशिक्षण और कर्तव्यों का जिम्मेदारीपूर्वक निर्वहन किया। संगठन ने पायलटों की गलती के आरोपों से जोड़ने वाली अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जब तक अंतिम जांच रिपोर्ट नहीं आती, ऐसी अटकलबाजी अस्वीकार्य है। आईसीपीए ने इसे गैर-जिम्मेदाराना और पीड़ित परिवारों के प्रति असंवेदनशील करार दिया।
एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, बोइंग 787-8 विमान के दोनों इंजनों के ईंधन नियंत्रण स्विच उड़ान भरने के तुरंत बाद बंद हो गए थे, जिसके कारण विमान ऊंचाई खोकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 260 लोगों की जान गई। 15 पेज की रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग का हवाला देते हुए कहा गया कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन स्विच क्यों बंद किया, जिसका दूसरा पायलट ने खंडन किया।
एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने शनिवार को दावा किया कि जांच का लहजा पायलटों को दोषी ठहराने की ओर झुका हुआ प्रतीत होता है। संगठन ने आरोप लगाया कि प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलटों को गलत ठहराने की जल्दबाजी दिखाई देती है।
एएआईबी ने कहा कि जांच अभी जारी है और अतिरिक्त साक्ष्यों की समीक्षा की जाएगी। एयर इंडिया ने भी पायलट समुदाय के साथ प्रारंभिक रिपोर्ट की समीक्षा के लिए सत्र आयोजित करने की योजना बनाई है। आईसीपीए ने मीडिया और सार्वजनिक चर्चाओं में पायलटों के खिलाफ निराधार आरोपों पर गहरी नाराजगी जताई, इसे असंवेदनशील और अनुचित बताया।