UP News : सीएम योगी की बड़ी घोषणा, यूपी पुलिस में अग्निवीरों को 20% आरक्षण, आयु सीमा में 3 साल की छूट

UP News : लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अग्निपथ योजना के तहत सेना में सेवा दे चुके अग्निवीरों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने घोषणा की कि उत्तर प्रदेश पुलिस बल में अग्निवीरों को 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। यह आरक्षण पुलिस आरक्षी, प्रादेशिक सशस्त्र बल (PAC), घुड़सवार आरक्षी और फायरमैन के पदों पर सीधी भर्ती में लागू होगा।
इसके साथ ही, पूर्व अग्निवीरों को इन भर्तियों में अधिकतम तीन वर्ष की आयु सीमा में छूट भी दी जाएगी। सीएम योगी ने भारतीय सेना के शौर्य की प्रशंसा करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय अग्निवीरों को उनकी चार साल की सेवा के बाद स्थायी और सम्मानजनक रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए लिया गया है।
योगी ने कहा, “जो जवान अग्निपथ योजना के तहत देश की सेवा करते हैं, उनके रिटायर होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस और PAC में प्राथमिकता के आधार पर समायोजन की सुविधा दी जाएगी। यह निर्णय 2026 में पहली अग्निवीर बैच के रिटायर होने पर लागू होगा।” अपने संबोधन में सीएम योगी ने कहा, “राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए बलिदान की आवश्यकता होती है।
हमारे वीर सैनिक हर परिस्थिति में देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं, जिसके कारण हम शांति और समृद्धि का लाभ उठा पाते हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि अग्निवीरों का योगदान देश की सुरक्षा और गौरव को बढ़ाता है, और यह आरक्षण नीति उनके प्रति सम्मान और उनके भविष्य को सुरक्षित करने का एक प्रयास है।
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि यह 20% आरक्षण सभी श्रेणियों - सामान्य, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में लागू होगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई पूर्व अग्निवीर SC श्रेणी से है, तो उसे SC कोटे के भीतर आरक्षण का लाभ मिलेगा। यह नीति अग्निवीरों को उनकी सैन्य सेवा के बाद राज्य की सुरक्षा व्यवस्था में योगदान देने का अवसर प्रदान करेगी।
खन्ना ने बताया कि हरियाणा और ओडिशा जैसे राज्यों ने अग्निवीरों के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था की है, जबकि उत्तर प्रदेश का 20% आरक्षण का निर्णय अब तक का सबसे उदार कदम है। उन्होंने कहा, “यह न केवल उनकी सेवा को सम्मान देता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि वे अपनी सैन्य सेवा के बाद भी देश की सुरक्षा में योगदान दे सकें।”