Ambedkar Jayanti 2025: बाबा साहेब की 135वी जयंती आज, जानिए उनके जीवन की कुछ अनसुनी कहानियां

Ambedkar Jayanti 2025: नई दिल्ली: देशभर में आज डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) की जयंती, जिसे अंबेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti) या भीम जयंती के रूप में मनाया जाता है, बड़े उत्साह के साथ याद की जाती है। मध्य प्रदेश के महू में एक दलित परिवार में जन्मे बाबा साहेब न केवल भारतीय संविधान के निर्माता थे, बल्कि एक प्रखर समाज सुधारक, विचारक, शिक्षाविद और महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले योद्धा भी थे। उनकी जयंती के अवसर पर आइए, उनके जीवन से जुड़ी कुछ अनछुई और प्रेरणादायक कहानियों पर नजर डालते हैं।
Ambedkar Jayanti 2025: भारतीय संविधान के शिल्पकार
डॉ. अंबेडकर को 'भारतीय संविधान का जनक' कहा जाता है। 29 अगस्त 1947 को उन्हें संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। उनके नेतृत्व में तैयार किया गया संविधान आज भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रीढ़ है, जो समता, स्वतंत्रता और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित है।
आजाद भारत के पहले कानून मंत्री
स्वतंत्र भारत में जब देश को कानूनी और सामाजिक ढांचे की जरूरत थी, तब बाबा साहेब को भारत का पहला कानून मंत्री नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने सामाजिक समानता और सुधारों को बढ़ावा देने वाले कई कदम उठाए।
'अंबावडेकर' से 'अंबेडकर' तक का सफर
क्या आप जानते हैं कि डॉ. अंबेडकर का मूल उपनाम 'अंबावडेकर' था, जो उनके पैतृक गांव अंबावडे (रत्नागिरी, महाराष्ट्र) से लिया गया था? उनके स्कूल के शिक्षक महादेव अंबेडकर ने स्नेहवश उनका नाम बदलकर 'अंबेडकर' कर दिया, जिसके बाद वे इसी नाम से प्रसिद्ध हुए।
श्रमिकों के लिए ऐतिहासिक सुधार
बाबा साहेब ने श्रमिकों के हित में भी क्रांतिकारी कदम उठाए। 1942 में भारतीय श्रम सम्मेलन के सातवें सत्र में उन्होंने काम के घंटों को 12 से घटाकर 8 घंटे करवाया, जिससे मजदूर वर्ग को बड़ी राहत मिली।
Ambedkar Jayanti 2025: डबल डॉक्टरेट के धनी पहले भारतीय
डॉ. अंबेडकर न केवल अर्थशास्त्र में विदेश से डॉक्टरेट हासिल करने वाले पहले भारतीय थे, बल्कि दक्षिण एशिया में अर्थशास्त्र में डबल डॉक्टरेट प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति भी थे। उनकी शैक्षिक उपलब्धियां अभूतपूर्व थीं।
महिलाओं के लिए हिंदू कोड बिल की लड़ाई
महिलाओं के अधिकारों के लिए बाबा साहेब ने हमेशा आवाज बुलंद की। उन्होंने संसद में हिंदू कोड बिल पेश किया, जो महिलाओं को संपत्ति और विवाह में समान अधिकार देने वाला था। हालांकि, बिल पारित न होने पर उन्होंने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे उनका सिद्धांतों के प्रति समर्पण झलकता है।
शिक्षा में अव्वल
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान डॉ. अंबेडकर ने अर्थशास्त्र, इतिहास, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र, राजनीति विज्ञान, फ्रेंच और जर्मन जैसे विविध विषयों में गहन अध्ययन किया। अकेले अर्थशास्त्र में ही उन्होंने 29 कोर्स पूरे किए, जो उनकी बौद्धिक क्षमता का परिचय देता है।
Ambedkar Jayanti 2025: नौ भाषाओं के जानकार
बाबा साहेब को हिंदी, पाली, संस्कृत, अंग्रेजी, मराठी, फारसी, फ्रेंच, जर्मन और गुजराती सहित नौ भाषाओं का ज्ञान था। इसके अलावा, उन्होंने 21 वर्षों तक विश्व के प्रमुख धर्मों का तुलनात्मक अध्ययन किया, जो उनकी ज्ञान की गहराई को दर्शाता है।
राज्यों के पुनर्गठन का विचार
डॉ. अंबेडकर ने अपनी पुस्तक 'थॉट्स ऑन लिंग्विस्टिक स्टेट्स' (1955) में मध्य प्रदेश और बिहार के विभाजन का सुझाव दिया था। उनका यह विचार 2000 में साकार हुआ, जब छत्तीसगढ़ और झारखंड अलग राज्य बने।
बुद्ध की खुली आंखों वाली पहली पेंटिंग
कम ही लोग जानते हैं कि बाबा साहेब एक कुशल चित्रकार भी थे। उन्होंने भगवान बुद्ध की खुली आंखों वाली पहली पेंटिंग बनाई, जो उस समय क्रांतिकारी थी, क्योंकि इससे पहले बुद्ध की मूर्तियों और चित्रों में उनकी आंखें बंद ही दिखाई जाती थीं।
Ambedkar Jayanti 2025: एक प्रेरणादायक विरासत
डॉ. अंबेडकर का जीवन और कार्य आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। सामाजिक समानता, शिक्षा और न्याय के लिए उनकी लड़ाई ने भारत को नई दिशा दी। अंबेडकर जयंती के अवसर पर देशभर में विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं, जिसमें लोग उनके विचारों और योगदान को याद कर रहे हैं।