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Fake Currency : नकली नोटों का अंतरजिला रैकेट ध्वस्त, पांच आरोपी गिरफ्तार, 15.41 लाख की जाली करेंसी जब्त

Fake Currency

पुलिस अन्य संदिग्धों और इस रैकेट के नेटवर्क का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है।

Fake Currency : देवास। देवास पुलिस ने नकली नोटों के निर्माण और वितरण में लिप्त एक अंतरजिला गिरोह का पर्दाफाश कर बड़ी सफलता हासिल की है। सोमवार 2 जून 2025 को पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोद ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस संगठित गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और 15 लाख 41 हजार रुपये की नकली करेंसी के साथ-साथ नोट छापने के उपकरण और दो मोटरसाइकिलें जब्त की हैं।


बता दें कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि आरोपी सचिन नागर और शुभम वर्मा नकली नोटों के साथ शहर में सक्रिय हैं। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को हिरासत में लिया और उनके पास से 1.96 लाख रुपये की जाली करेंसी बरामद की। पूछताछ में दोनों ने सोनकच्छ निवासी राजकुमार मालवीय का नाम उजागर किया, जो अपने घर पर नकली नोट छाप रहा था।


इसके बाद पुलिस ने राजकुमार मालवीय और उसके सहयोगी सुनील पाटिल के ठिकाने पर छापेमारी की, जहां से 13.25 लाख रुपये की नकली करेंसी, लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर और अधछपे नोट बरामद हुए। जांच के दौरान शक्ति सिंह चावड़ा का नाम भी सामने आया, जिसे बाद में गिरफ्तार किया गया। चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि इस रैकेट का मास्टरमाइंड जेल में रहते हुए इस साजिश को अंजाम दे रहा था।

पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोद ने बताया कि गिरोह का नेटवर्क कई जिलों में फैला हुआ था, और यह रैकेट हाईटेक उपकरणों का उपयोग कर नकली नोट तैयार कर रहा था। सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय नवसनहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, और जांच जारी है। पुलिस अन्य संदिग्धों और इस रैकेट के नेटवर्क का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है।

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