Raipur City Crime : फर्जी माइनिंग अधिकारी बनकर वसूली का खेल बेनकाब, दो गिरफ्तार...

- Rohit banchhor
- 09 Jun, 2025
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को दबोच लिया और उनके पास से फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन और एक बाइक बरामद की है।
Raipur City Crime : रायपुर। जिले के राखी थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश करते हुए दो ठगों, अविनाश शर्मा और विनय यादव, को गिरफ्तार किया है। ये दोनों खुद को खनिज विभाग का अधिकारी बताकर हाइवा चालकों से अवैध वसूली की कोशिश कर रहे थे। यह गिरोह रात के अंधेरे में सूनसान रास्तों पर ट्रकों को रोककर चालकों को डरा-धमकाकर पैसे ऐंठने का काम कर रहा था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को दबोच लिया और उनके पास से फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन और एक बाइक बरामद की है।
बता दें कि मामला उस समय सामने आया जब राखी थाना क्षेत्र के कुछ हाइवा चालकों ने पुलिस को सूचना दी कि दो संदिग्ध युवक बार-बार उनके ट्रकों को रोक रहे हैं और माइनिंग दस्तावेजों की जांच के नाम पर पैसे मांग रहे हैं। चालकों को शक हुआ क्योंकि दोनों के पास न तो कोई सरकारी पहचान पत्र था और न ही कोई आधिकारिक अनुमति। एक चालक, मोहन साहू, ने बताया, “वे हमें छोटी-छोटी कमियों का डर दिखाकर 5,000 से 10,000 रुपये तक की मांग कर रहे थे। जब हमने पहचान पत्र मांगा, तो वे गोलमोल जवाब देने लगे।” चालकों की शिकायत पर राखी थाना पुलिस ने तुरंत एक टीम गठित की और मौके पर पहुंचकर दोनों को हिरासत में लिया।
पूछताछ के दौरान अविनाश शर्मा 28 वर्ष और विनय यादव 25 वर्ष दोनों रायपुर के डीडी नगर के रहने वाले, टूट गए और स्वीकार किया कि वे माइनिंग विभाग से कोई संबंध नहीं रखते। उन्होंने बताया कि वे फर्जी दस्तावेज और खनिज निरीक्षक की फर्जी वर्दी का इस्तेमाल कर चालकों को डराने-धमकाने का काम करते थे। पुलिस ने उनके पास से एक नकली माइनिंग विभाग का पत्र, दो मोबाइल फोन, और एक बाइक जब्त की, जिसका उपयोग वे वसूली के लिए करते थे। राखी थाना प्रभारी निरीक्षक संजय ठाकुर ने बताया, “आरोपियों के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (जालसाजी के लिए जालसाजी), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।”
पहले भी कई वारदातों को दे चुके हैं अंजाम-
प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह जोड़ी पहले भी रायपुर के आसपास के इलाकों जैसे अभनपुर, माना, और उरला में इसी तरह की ठगी कर चुकी है। रात के समय वे सुनसान सड़कों पर ट्रकों को निशाना बनाते थे और चालकों से ‘जुर्माना’ या ‘रिश्वत’ के नाम पर 2,000 से 15,000 रुपये तक वसूलते थे। पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रायपुर) रमेश बंसल ने बताया, “हम आरोपियों के कॉल रिकॉर्ड्स, बैंक खातों, और अन्य डिजिटल साक्ष्यों की जांच कर रहे हैं ताकि उनके नेटवर्क का पता लगाया जा सके।”