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DRDO aser Weapon DEW: भारत हासिल की स्टार वार्स तकनीक, DRDO के Laser Weapon ने 5 किलोमीटर दूर से मार गिराए ड्रोन, देखें वीडियो


- Pradeep Sharma
- 14 Apr, 2025
DRDO aser Weapon DEW: नई दिल्ली/कुरनूल। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) लेजर हथियार ने 5 किलोमीटर की सीमा के भीतर ड्रोन को सफलता पूर्वक मार गिराया है। इसी के साथ भारत ने भविष्य के स्टार वार्स तकनीक वाले लेज
DRDO aser Weapon DEW: नई दिल्ली/कुरनूल। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) लेजर हथियार ने 5 किलोमीटर की सीमा के भीतर ड्रोन को सफलता पूर्वक मार गिराया है। इसी के साथ भारत ने भविष्य के स्टार वार्स तकनीक वाले लेजर हथियार प्रणाली से ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने की क्षमता हासिल कर ली है। DRDO की तरफ से पहली बार आंध्र प्रदेश के कुरनूल में इस 30 किलोवाट लेजर आधारित हथियार प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। ये देश की रक्षा टेक्नोलॉजी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
DRDO aser Weapon DEW: DRDO ने विकसित किया हथियार रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने इस निर्देशित-ऊर्जा हथियार (DEW) को विकसित किया है, जो अब विभिन्न सैन्य प्लेटफार्मों पर उत्पादन और तैनाती के लिए तैयार है। इस उपलब्धि के साथ भारत अमेरिका, चीन और रूस सहित उन देशों के एक विशिष्ट समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास एडवांस्ड लेजर हथियार क्षमताएं हैं। DRDO के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने कहा, यह यात्रा की शुरुआत मात्र है।
DRDO aser Weapon DEW: इस प्रयोगशाला ने अन्य DRDO प्रयोगशालाओं, उद्योग और शिक्षाविदों के साथ जो तालमेल हासिल किया है, मुझे यकीन है कि हम जल्द ही अपनी मंजिल तक पहुँचेंगे। हम हाई एनर्जी माइक्रोवेव, विद्युत चुम्बकीय पल्स जैसी अन्य उच्च ऊर्जा प्रणालियों पर भी काम कर रहे हैं। इसलिए हम कई तकनीकों पर काम कर रहे हैं जो हमें स्टार वार्स क्षमता प्रदान करेंगी।
DRDO aser Weapon DEW: DRDO के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने कहा, आपने आज जो देखा वह स्टार वार्स तकनीकों के घटकों में से एक था। जहां तक मुझे पता है, यह अमेरिका, रूस और चीन हैं जिन्होंने इस क्षमता का प्रदर्शन किया है। इजरायल भी इसी तरह की क्षमताओं पर काम कर रहा है। मैं कहूंगा कि हम इस प्रणाली का प्रदर्शन करने वाले दुनिया के चौथे या पांचवें देश हैं
DRDO aser Weapon DEW: जानें DEW की खासियत
30 किलोवाट की लेजर हथियार प्रणाली को 5 किलोमीटर की सीमा के भीतर ड्रोन और हेलीकॉप्टर जैसे हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें कम्युनिकेशन और सैटेलाइट संकेतों को जाम करने सहित एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताएं हैं। इसकी बहुमुखी प्रतिभा इसे ज़मीनी और जहाज़ी दोनों प्रयोगों के लिए अनुकूलित करने की अनुमति देती है, जिससे कई डोमेन में भारत की रक्षा तत्परता बढ़ती है। यह प्रणाली सटीक लक्ष्य के लिए 360-डिग्री इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड (ईओ/आईआर) सेंसर से लैस है और इसे हवाई, रेल, सड़क या समुद्र के माध्यम से तेज़ी से तैनात किया जा सकता है।
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