UP News: योगी सरकार का अनूठा कदम, गोबर से बनेगा कपड़ा, प्लास्टिक प्रदूषण घटेगा, रोजगार के खुलेंगे नए अवसर

UP News: लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और नवाचार की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। अब राज्य में गाय के गोबर से बायोप्लास्टिक आधारित कपड़ा तैयार किया जाएगा। यह पहल न केवल प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हुए लाखों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।
उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 54 लाख किलोग्राम गोबर उत्पादन होता है। इस गोबर का उपयोग अब बायोप्लास्टिक बनाने में किया जाएगा, जिससे पर्यावरण के अनुकूल कपड़ा तैयार होगा। यह कदम राज्य को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति दिलाने और सतत विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुरू की गई इस पहल से उत्तर प्रदेश का गो-सेवा मॉडल वैश्विक स्तर पर एक अनुकरणीय उदाहरण बनने की ओर अग्रसर है।
सरकार का यह नवाचार ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन का एक बड़ा माध्यम बनेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस परियोजना से लाखों युवाओं और ग्रामीणों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। साथ ही, यह पहल स्थानीय स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देगी और उत्तर प्रदेश को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी। यह पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश में गोबर का उपयोग नवाचारी उत्पादों के लिए किया जा रहा है। इससे पहले, सरकार ने गोबर से प्राकृतिक पेंट तैयार किया था, जिसका उपयोग सरकारी भवनों को रंगने के लिए किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशुपालन और दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि सभी सरकारी इमारतों में गोबर आधारित प्राकृतिक पेंट का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। इस पेंट की गुणवत्ता और पर्यावरण अनुकूलता को देखते हुए इसे व्यापक स्वीकृति मिली है। पिछले आठ वर्षों में योगी सरकार ने विकास और नवाचार के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
गोबर से कपड़ा बनाने की यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश के गो-सेवा मैनेजमेंट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मॉडल के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है। सीएम योगी ने कहा, "हमारा लक्ष्य उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर और पर्यावरण अनुकूल राज्य बनाना है। गोबर आधारित उत्पाद न केवल प्रदूषण नियंत्रण में सहायक होंगे, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।"