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UP News : 10 हजार की नौकरी करने वाले को 4.82 करोड़ का CGST नोटिस, परिवार के उड़े होश

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यह घटना नौशेरा गांव के रामबाबू के साथ हुई, जो चौक के पास सोनू मेडिकल स्टोर पर सेल्समैन के रूप में काम करता है।

UP News : बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां 10 हजार रुपये मासिक वेतन पर मेडिकल स्टोर में काम करने वाले रामबाबू लावेला को सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (CGST) विभाग ने 4.82 करोड़ रुपये जमा करने का नोटिस थमा दिया। नोटिस मिलते ही रामबाबू और उसके परिवार के होश उड़ गए। यह घटना नौशेरा गांव के रामबाबू के साथ हुई, जो चौक के पास सोनू मेडिकल स्टोर पर सेल्समैन के रूप में काम करता है।


नौकरी के झांसे में लिया आधार और पैन-

जानकारी के मुताबिक, रामबाबू ऑनलाइन नौकरी की तलाश में था। इसी दौरान एक युवती ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर उससे आधार और पैन कार्ड की जानकारी ले ली। इसके बाद मैसर्स पाल इंटरप्राइजेज के नाम से फर्जी फर्म रजिस्टर कर 27 करोड़ रुपये का व्यापार कर डाला। फर्म ने जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया, जिसके चलते CGST विभाग ने रामबाबू के नाम 4.82 करोड़ रुपये का नोटिस जारी कर दिया। जब CGST अधिकारी नोटिस लेकर रामबाबू के घर पहुंचे, तो उसकी खराब आर्थिक स्थिति देखकर वे भी हैरान रह गए। रामबाबू नोटिस देखकर घबरा गया और जमीन पर बैठ गया।


पिता की मांग, बेटे को न्याय मिले-

रामबाबू के पिता बदन सिंह ने बताया कि उनका बेटा मोबाइल पर नौकरी की तलाश में रहता था। किसी ने धोखे से उसके कागजात ले लिए और फर्जीवाड़ा कर दिया। उन्होंने मांग की कि उनके बेटे को इस झूठे आरोप से मुक्त किया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। बदन सिंह ने कहा, हम चाहते हैं कि जिसने हमारे बेटे को फंसाया, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो और उसे गिरफ्तार किया जाए।


अधिवक्ता बोले, CGST में सर्वे की कमी से बढ़ा फर्जीवाड़ा-

इनकम टैक्स और सेल्स टैक्स के अधिवक्ता जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि सेंट्रल जीएसटी में फर्म रजिस्ट्रेशन के दौरान अधिकतर मामलों में सर्वे नहीं किया जाता, जबकि स्टेट जीएसटी में सर्वे का प्रावधान है। इसका फायदा उठाकर धोखेबाज लोग गरीबों के दस्तावेजों का दुरुपयोग करते हैं। रामबाबू के मामले में भी यही हुआ। फर्म ने भारी-भरकम व्यापार दिखाया, जिसके चलते रामबाबू पर करीब 5 करोड़ रुपये की देनदारी आ गई। अधिवक्ता ने आशंका जताई कि रामबाबू को भविष्य में इनकम टैक्स विभाग से भी नोटिस मिल सकता है। उन्होंने CGST विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से रामबाबू को न्याय दिलाने की अपील की।

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