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OP Chaudhary: जमीनों की रजिस्ट्री में ऋण पुस्तिक की अनिवार्यता समाप्त, पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी ने आम आदमी को दिया दिवाली गिफ्ट, यहां जानें सब कुछ अब कैसे होगी रजिस्ट्री

OP Chaudhary

OP Chaudhary: रायपुर। छत्तीसगढ़ के वित्त एवं पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी ने आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए जमीन की रजिस्ट्री में ऋण पुस्तिक की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। पंजीयन विभाग के आईजी पुष्पेंद्र मीणा ने मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।


OP Chaudhary: पंजीयन विभाग के आईजी पुष्पेंद्र मीणा द्वारा निर्देश में कहा गया है कि, कृषि भूमि के राजस्व अभिलेख की प्रविष्टियों का इंद्राज कर किसानों को ऋण पुस्तिका जारी की जाती है। इसके अलावा किसानों को समय समय पर दिए जाने वाले ऋण, बंधक आदि का रिकार्ड भी ऋण पुस्तिका में दर्ज किया जाता है।


OP Chaudhary: जारी निर्देश में कहा गया है कि, वर्तमान में छत्तीसगढ़ में राजस्व अभिलेख ऑनलाईन कर दिए गए हैं तथा भूमि पर भारित ऋण की प्रविष्टि ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाती है। राजस्व अभिलेखों के गिरदावरी संबंधी रिकार्ड ऑनलाईन अद्यतन होते हैं जो ऋण पुस्तिका में अद्यतन नहीं हो पाते है।


OP Chaudhary: पंजीयन अधिकारियों के द्वारा रजिस्ट्री के समय ऑनलाईन प्रविष्टियों से डाटा मिलान किया जाता है, दस्तावेज में शुल्क अवधारण के या पंजीयन के उद्देश्य से ऋण पुस्तिका की कोई विशेष प्रासंगिता नहीं होती है। पंजीयन अधिकारियों के लिए ऋण पुस्तिका के तथ्यों की सत्यता जांचने का कोई प्रावधान नहीं है।


OP Chaudhary: निर्देश में आगे कहा गया है कि प्रायः यह देखने में आया है कि भौतिक ऋण पुस्तिका की कमी अथवा अन्य कारणों से क्रेता किसानों को जमीन खरीदी बिक्री के बाद नई ऋण पुस्तिकाएं समय पर नहीं मिल पाती हैं, इससे पक्षकारों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पडता है तथा शासन की छवि भी खराब होती है।


OP Chaudhary: पहले क्या होता था


प्रदेश में दस्तावेजों का ऑनलाईन पंजीयन वर्ष 2017 से किया जा रहा है तथा भुईयां से किसानों को नक्शा, खसरा व बी-1 की प्रति भी ऑनलाइन प्राप्त हो रही है। विक्रेता के स्वामित्व के वेरिफिकेशन के लिए पंजीयन साफ्टवेयर का भुईया के साथ इंटीग्रेशन किया गया है जिससे पंजीयन के समय दस्तावेज में वर्णित तथ्यों का राजस्व विभाग के डाटा से ऑनलाईन मिलान होने पर पंजीयन की कार्यवाही की जाती है।


OP Chaudhary: अब क्या

शासन द्वारा राजस्व विभाग के साफ्टवेयर में ऑटो म्यूटेशन का प्रावधान किया गया है। जिसके तहत् भूमि के पंजीयन के साथ ही स्वतः खसरे का बटांकन होकर नवीन बी-1 जनरेट हो जाता है। जिसमें क्रेता एवं विक्रेता के पास धारित भूमि की जानकारी स्वतः अद्यतन हो जाती है।


प्रदेश में भूमि के पंजीयन से लेकर अन्य कार्य ऑनलाईन हो रहे हैं, जिसके तहत् पंजीयन प्रणाली को पेपरलेस भी किया गया है। भुईयां पोर्टल पर भूमि का बी 1, खसरा एवं नक्शा आदि ऑनलाईन उपलब्ध है एवं मान्य भी है अतः अब भौतिक रूप से प्रदाय की जा रही ऋण-पुस्तिका या किसान-किताब की पंजीयन के लिए आवश्यकता नहीं है।


निर्देश में साफ गया है कि दस्तावेजों के पंजीयन के लिए किसानों/पक्षकारों से ऋण पुस्तिका की मांग न की जाए। भूमि के स्वामित्व, फसल विवरण एवं पंजीयन हेतु प्रासंगिक अन्य तथ्यों की पुष्टि ऑनलाईन डाटा से अनिवार्य रूप से किया जाए। आईजी पुष्पेंद्र मीणा ने अधीनस्थों को निर्देशित किया है कि, नए निर्देश का कड़ाई से पालन कराया जाए।

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