MP NEWS: मप्र सरकार का फैसला महाराष्ट्र को आया रास, प्रमुख सचिव को लिखा पत्र
- Sanjay Sahu
- 11 Nov, 2024
MP NEWS: मप्र सरकार का फैसला महाराष्ट्र को आया रास, प्रमुख सचिव को लिखा पत्र
MP NEWS: भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के कुछ अहम फैसले अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने मप्र के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर राज्य सरकार के उस फैसले की जानकारी मांगी है, जिसमें मप्र ने विवाहित बेटियों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ देने का प्रावधान किया था। यह पत्र महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री कार्यालय से इस महीने मप्र के मुख्य सचिव को भेजा गया है।
MP NEWS: महाराष्ट्र सरकार ने मप्र में विवाहित बेटियों को अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगते हुए, इस निर्णय के सभी पहलुओं को समझने की इच्छा जताई है। मप्र के मुख्य सचिव कार्यालय ने इसे सामान्य प्रशासन विभाग को भेजकर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
MP NEWS: मप्र सरकार का फैसला
MP NEWS: पिछले साल, मप्र सरकार ने नियमों में बदलाव कर विवाहित बेटियों को अनुकंपा नियुक्ति का हक दिया था। 7 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव पास हुआ था। इसके तहत सरकारी सेवा में कार्यरत किसी कर्मचारी की मृत्यु के बाद, यदि उसके आश्रित पति-पत्नी के पास अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवश्यक योग्यता नहीं होती, या वे इस नियुक्ति से इनकार करते हैं, तो मृतक कर्मचारी की विवाहित बेटी को भी अनुकंपा नियुक्ति का हक मिलेगा।
MP NEWS: इससे पहले, यह सुविधा केवल मृतक के अविवाहित पुत्र या पुत्री के लिए थी, लेकिन नए नियमों के तहत विवाहित बेटियां भी अनुकंपा नियुक्ति के पात्र हो गई हैं। इसके अलावा, ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए भी अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में संशोधन किया गया है।
MP NEWS: श्रद्धा मालवी की हुई पहली नियुक्ति
MP NEWS: मप्र सरकार द्वारा यह बदलाव काफी महत्व रखता है। उदाहरण के तौर पर, स्वर्गीय आरएस राठौर, जो आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अपर संचालक थे, उनकी मृत्यु के बाद उनकी विवाहित बेटी श्रद्धा मालवी को अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी, जो पहले नियमों के तहत संभव नहीं थी। श्रद्धा को यह नियुक्ति मप्र सरकार के मानवीय आधार पर और इंदौर उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद दी गई थी। इसके अलावा, मप्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए पुत्र और पुत्री दोनों को समान अधिकार होंगे, चाहे वह विवाहित क्यों न हो।
MP NEWS: इस फैसले से न केवल मप्र के कर्मचारियों को राहत मिली, बल्कि यह फैसला अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन गया है, जैसा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस पर जानकारी मांगने से स्पष्ट है।